रोहतक अखाड़ा नरसंहार मामले मेें गवाही शुरू, एक साथ किया था छह लाेगों का मर्डर

रोहतक अखाड़ा नरसंहार मामले मेें गवाही शुरू, एक साथ किया था छह लाेगों का मर्डर
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आराेपी सुखवेंद्र और उसके साथी की वीसी से पेशी की गई। मामले में पहली गवाही भी शुरू हो गई है। अमरजीत और शिकायकर्ता के बयान दर्ज किए गए। अब 22 फरवरी को सुुनवाई होगी।

हरिभूमि न्यूज : रोहतक

जॉट कॉलेज अखाड़े में हुए नरसंहार मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डॉ. गगनगीत कौर की अदालत में सुनवाई होगी। आरोपित सुखवेंद्र और उसके साथी की वीसी से पेशी की गई। मामले में पहली गवाही भी शुरू हो गई। अमरजीत और शिकायकर्ता के बयान दर्ज किए गए। अब 22 फरवरी को सुुनवाई होगी। शिकायत पक्ष की तरफ से अधिवक्ता जय हुड्डा कोर्ट में पेश हुए।

यह था मामला

मामले के अनुसार रोहतक शहर के जाट कॉलेज के अखाड़े में 12 फरवरी को कोच सुखविंद्र ने मुख्य कोच मनोज समेत 6 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। मृतकों में मुख्य कोच मनोज के अलावा, उसकी पत्नी साक्षी, 3 साल का बेटा सरताज, कोच प्रदीप, सतीश और पूजा शामिल थे। पुलिस ने आरोपित कोच सुखविंद्र और उसको हथियार उपलब्ध कराने वाले मनोज को गिरफ्तार किया था।

मनोज मलिक जाट कॉलेज में रेसलिंग के कोच थे। कॉलेज ऑडिटोरियम के पीछे ही एक अखाड़ा भी है, जिसे मनोज चलाते थे। मनोज अपनी पत्नी साक्षी और ढाई साल के बच्चे सरताज समेत अखाड़े में ऊपर बने कमरे में ही रहते थे। इसी अखाड़े में एक कोच सुखविंद्र भी हैं जो नीचे बने कमरे में रहता था। सुखविंद्र सोनीपत के बरौदा का रहने वाला है और मनोज से पहले यह अखाड़ा चलाता था। मनोज और सुखविंद्र के बीच काफी दिनों से झगड़ा चल रहा था। कई दिनों से दोनों के बीच कहासुनी भी चल रही थी। 12 फरवरी को शाम करीब 7 बजे कोच सुखविंद्र ऊपर बने अखाड़े के कमरे में गया और मनोज मलिक उसकी पत्नी साक्षी और तीन साल के बेटे सरताज को गोली मार दी।

मनोज और साक्षी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था। इसके बाद आरोपित ने कमरा बंद कर दिया और वहां से भागने की कोशिश करने लगा। गोली की आवाज सुनकर नीचे प्रैक्टिस कर रहे अन्य पहलवान ऊपर भागे और सुखविंद्र को पकड़ने की कोशिश की। इसी दौरान सुखविंद्र ने एक अन्य कोच सतीश दलाल, यहां प्रैक्टिस करने वाली मथूरा की पहलवान पूजा, प्रदीप मालिक मोखरा और अमरजीत पर भी अंधाधुंध फायरिंग कर दी। इसके बाद सभी घायलों को पीजीआई के ट्रामा सेंटर में भर्ती करवाया गया। यहां दो पहलवानों की और मौत हो गई थी। बाद में मनोज के बेटे सरताज की भी मौत हो गई थी।

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