दुल्हन तक नहीं पहुंच पाया दुल्हा, जानें क्या हुआ

हरिभूमि न्यूज : जींद
गांव खेड़ाखेमावती से जामनी में बारात लेकर आए दुल्हे की उम्र कम निकली जिसके बाद शादी (Marriage) को रूकवा दिया गया। इस विवाह में दुल्हे की उम्र 18 व दुल्हन की उम्र 17 वर्ष पाई गई। विभाग द्वारा परिजनों से लिखित में दोनों बच्चों के बालिग(Adult) होने तक शादी नहीं करने का बयान लिया गया। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी को सूचना मिली थी कि गांव खेड़ा खेमावती से दो लडकों की बारात जामनी गांव में पहुंची हुई है जिसमें छोटा दुल्हा बन कर आया लड़का नाबालिग है और जिसके साथ उसकी शादी होने वाली है वह लड़की भी नाबालिग है।
सूचना मिलते ही बाल विवाह निषेध अधिकारी कार्यालय से रवि लोहान, महिला कांस्टेबल आरती, नीलम, एसपीओ सतीश, राकेश कुमार पिल्लूखेडा पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे तो पाया कि बारात आई हुई थी। टीम द्वारा छोटे लड़के के जन्म से संबंधित कागजात मांगे। लड़का पक्ष ने जो कागजात दिखाए उसमें लड़के की उम्र मात्र 18 वर्ष मिली और लड़की की उम्र भी 17 वर्ष मिली। इस पर टीम ने शादी न करने के लिए दोनों पक्षों को समझाया गया कि वह लड़के की उम्र 21 वर्ष व लडकी की उम्र 18 वर्ष पूरी होने के बाद ही उसकी शादी करें अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस पर दोनों परिवार सहमत हो गए और शादी को स्थगित कर दिया गया। इसके साथ ही बारात एक दुल्हन के साथ ही वापस लौट गई।
इसी बीच दूसरी सूचना मिली कि जिले के होशियारपुरा गांव में भी एक नाबालिग लड़की की शादी करवाई जा रही है और बारात भी गांव में आ चुकी है। सूचना मिलते ही टीम तुरंत जामनी से निकल कर विवाह स्थल पर पहुंची और दुल्हा व दुल्हन के परिवार वालों से दोनों के जन्म प्रमाण पत्र मांगे तो जो सर्टिफिकेट पत्र दिखाए उनमें दुल्हन नाबालिग पाई गई और उसकी उम्र 18 वर्ष से कम मिली जबकि दुल्हे की उम्र 25 वर्ष मिली। इस पर दोनों पक्षों को बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी दी गई और तब तक शादी न करने को कहा जब तक लड़की बालिग नहीं हो जाती। इस पर दोनों परिवार सहमत हो गए और लिखित बयान दर्ज करवाए कि लड़की के बालिग होने पर ही उसकी शादी की जाएगी तथा बारात वापिस गांव बैरंग लौट गई।
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