बरवाला में स्ट्रीट लाइटों में गोलमाल का मामला गरमाया, सीएम व निकाय मंत्री को लिखा पत्र

बरवाला में स्ट्रीट लाइटों में गोलमाल का मामला गरमाया, सीएम व निकाय मंत्री को लिखा पत्र
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पार्षद जगदीश गुलाटी तथा पार्षद अनिल संदूजा ने कहा कि बरवाला नगरपालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों ने नगरपालिका चेयरपर्सन से मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है।

बरवाला : वार्ड नंबर 16 से पार्षद जगदीश गुलाटी तथा वार्ड नंबर 11 के पार्षद अनिल संदूजा ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, निकाय मंत्री अनिल विज, मुख्य सचिव, नगर निगम आयुक्तहिसार को पत्र भेजकर नगरपालिका बरवाला में स्ट्रीट लाइट मामले में गोलमाल करने वाले अधिकारियों तथा कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज करवाकर कार्रवाई की मांग की है।

पार्षद जगदीश गुलाटी तथा पार्षद अनिल संदूजा ने कहा कि बरवाला नगरपालिका के अधिकारियों, कर्मचारियों ने नगरपालिका चेयरपर्सन से मिलीभगत कर सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। उन्होंने कहा कि आज हालात यह है कि कागजों में बरवाला में स्ट्रीट लाइट के नाम चार करोड़ के लगभग की राशि खर्च होने के बावजूद शहर रात के समय में अंधेरे में डूबा रहता है। शहर की अधिकांश लाइटें खराब हैं तो कहीं कागजों में स्ट्रीट लाइटें जलकर बंद हो गई।

बरवाला नपा ने टेंडर नियमों को ताक पर रखा

पार्षद जगदीश गुलाटी और पार्षद अनिल संदूजा ने कहा कि बरवाला में लगने वाली स्ट्रीट लाइट टेंडर में भी बरवाला नगरपालिका प्रशासन ने नियमों को पूरी तरह से ताक पर रखा। शहर में स्ट्रीट लाइटों के लिए नगरपालिका बरवाला को 23 जनवरी 2019 को एक करोड़ 52 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति मिली थी। पालिका प्रशासन ने 27 मई 2019 को एक करोड़ 52 हजार का वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। बाद में इसे रिवाइज कर 3 करोड़ 98 लाख का कर दिया गया। पार्षद जगदीश गुलाटी तथा पार्षद संदूजा के अनुसार म्युनिसिपल वर्कस रूलज 1976 के अनुसार रिवाइज अनुमान केवल 10 प्रतिशत करने का ही प्रावधान है। नियमानुसार कोई अनुमान 10 प्रतिशत से अधिक होता है तो सक्षम प्राधिकारी से स्वीकृति उपरांत नया टेंडर किया जाता है। लेकिन बरवाला नगरपालिका प्रशासन ने नया टेंडर करने की बजाय उसी फर्म के नाम वर्क ऑर्डर जारी कर दिया। उन्होंने कहा कि जांच कमेटी ने भी माना है कि नगरपालिका प्रशासन ने टेंडर मामले में गंभीर अनियमितताए बरती है।

कागजों में लगी 1556 एलईडीं, टीम को लगी मिली 1222

पार्षद जगदीश गुलाटी और पार्षद अनिल संदूजा का कहना है कि बरवाला शहर में कागजों में 1556 एलईडी लाइटें लगी दिखाई गई। जब उन्होंने व वार्ड 11 के पार्षद अनिल संदूजा ने इन एलईडी लाइटों की जांच की मांग को लेकर शिकायत दी तो हिसार नगर निगम आयुक्त ने इसकी जांच बैठा दी। टीम ने जब जांच की तो शहर में 1556 की जगह 1222 एलईडी लाइटें ही पाई गई जबकि 334 एलईडी गायब मिली। पार्षद जगदीश गुलाटी और पार्षद अनिल संदूजा ने कहा कि टीम की जांच में पोलों को लगाने के लिए बनाए गए फाउंडेशन भी नियमानुसार नहीं मिले। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट टीम के अनुसार गायब मिली 334 एलईडी लाइटों से सरकार को लगभग 55 लाख रुपये का आर्थिक चूना लगाया गया है।

थर्ड पार्टी की रिपोर्ट के बिना कर दिया बिल का भुगतान

पार्षद जगदीश गुलाटी तथा पार्षद अनिल संदूजा ने नगरपालिका प्रशासन पर बिल का भुगतान करने में भी नियमों की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा बिल भुगतान में नगरपालिका प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने अपने ही अधीनस्थ अधिकारी की बात को अनसुना कर दिया। उन्होंने कहा कि जब भुगतान के लिए बिल बरवाला नगरपालिका के लेखाकार के पास पहुंचा तो उन्होंने शहर में लगी एलईडी लाइटों का संबंधित स्टॉक रजिस्टर में कहां दर्ज किया गया है और कितनी लाइटें प्राप्त हुई है तथा बिल की अदायगी किस फंड से की जानी है आदि के बारे में पत्र लिखकर जवाब मांगा। लेकिन नगरपालिका में बैठे कुछ उच्चाधिकारी ने लेखाकर के पत्र का कोई जवाब न देकर बिल का भुगतान करवा दिया गया।

जांच चल रही : धानिया

नपा सचिव महावीर धानिया का कहना है कि लाइटों संबंधित शिकायतों पर अभी जांच चल रही है। जांच के बाद ही आगामी स्थिति के हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।

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