नाबालिग से दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ मामले की जांच राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष करेंगे

हरिभूमि न्यूज.भिवानी
असम की नाबालिग से अप्रैल माह में हुए दुष्कर्म एवं छेड़छाड़ मामले में अब राष्टीय बाल अधिकार आयोग अध्यक्ष खुद जांच करेंगे और 12 जून को भिवानी आएंगे। हरियाणा बाल आयोग अध्यक्ष भी जांच टीम में शामिल रहेंगी। इस मामले में भिवानी और दादरी के अधिकारियों को तलब किया गया है।
अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में असम की नाबालिग दादरी के पास खेतों में लावारिस हालत में रोते हुए मिली थी। वहां पर कुछ लोगों ने लड़की को देखा तो पुलिस को बुलाया गया। नाबालिग ने पुलिस को बताया था कि उसके साथ दो लड़कों ने दुष्कर्म किया है। दादरी शहर की एक महिला ने रुपये लेकर दो लड़कों के साथ भेजा था। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी। अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। इसके बाद अप्रैल के दूसरे सप्ताह में लड़की को भिवानी के बाल सेवा आश्रम में भेजा गया।
दूसरी और राज्य बाल आयोग अध्यक्ष ज्योति बैंदा ने भी अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय बाल आयोग को भेजी। इस पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने पुलिस महानिरीक्षक को उचित कार्रवाई के लिए निर्देश दिए। इसके साथ ही चार जून को भिवानी के उपायुक्त को वीडियो कांन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सम्मन करके मामले में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए। इस बीच बाल संरक्षण इकाई के आरोपित सदस्य को निलंबित किया जा चुका है। उधर नाबालिग की सुरक्षा को देखते हुए उसे 10 दिन पहले सोनीपत बाल सेवा आश्रम में भेजा गया है। अभी तक असम की नाबालिग को न्याय नहीं मिलने पर राष्ट्रीय बाल अधिकार आयोग के अध्यक्ष जांच करने के लिए 12 जून को भिवानी पहुंच रहे हैं।
क्या कहते है बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य
हरियाणा बाल अधिकार संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य सुशील वर्मा ने बताया कि यह बाल तस्करी का मामला है। पुलिस का रवैया इस मामले में गैर जिम्मेदाराना रहा है। भिवानी सीडब्ल्यूसी और डीसीपी यूनिट के अधिकारियों ने नाबालिग को संरक्षण देने की बजाय उसका मानसिक शोषण किया।
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