भूना के सरकारी अस्पताल की हालत राम भरोसे : यहां इलाज नहीं बल्कि रेफर होते हैं मरीज

दलबीर सिंह : भूना
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूना में चिकित्सकों की कमी के कारण मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल रहा है। इससे उन्हें निजी अस्पतालों की शरण में जाना पड़ रहा है। भूना के 40 गांवों के चार लाख से अधिक लोगों की स्वास्थ्य सेवा हेतु सीएचसी का बड़ा भवन व तीस बेड तो उपलब्ध हैं, लेकिन एसएमओ सहित 15 मेडिकल ऑफिसर के पद खाली पड़े हैं। सीएचसी में मात्र दो चिकित्सक के सहारे कार्य चल रहा है। वह भी मात्र लड़ाई झगड़ों की एमएलआर काटने तक ही सीमित है। अगर कोई बड़ी सड़क दुर्घटना हो जाए तो घायल लोगों को मलहम पट्टी चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को करने तक की नौबत आती है।
महिला चिकित्सक एवं बाल रोग विशेषज्ञ तक नहीं
वर्तमान में सर्दी के कारण बच्चों एवं महिला रोगियों की संख्या बढ़ रही है, मगर भूना सीएचसी में महिला व बाल रोग विशेषज्ञ के पद खाली है। इसके कारण मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों का सहारा लेना पड़ रहा है। आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के मरीज अपना इलाज भी नहीं करवा पाते है। उपरोक्त दोनों चिकित्सकों के पद रिक्त होने के कारण गर्भवती महिलाओं की डिलिवरी स्टाफ नर्सों पर निर्भर हैं। जिस गर्भवती महिला को खून की कमी या बच्चा कमजोर हो तो उसे पहले ही रेफर कर दिया जाता है। सीएचसी में अल्ट्रासाउंड मशीन का कोई प्रबंध नहीं है, जिसके अभाव में डिलीवरी के दौरान जच्चा एवं बच्चा के जीवन से खिलवाड़ हो रही है इसलिए लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं के सरकारी दावे सीएचसी भूना में खोखले साबित हो रहे हैं।
धूल फांक रही है लाखों की एक्स-रे मशीन
सीएचसी भूना में करीब 8 साल पहले लाखों रुपये की लागत से एक्स-रे मशीन उपलब्ध करवाई गई थी, किंतु कुछ महीनों के बाद ही रेडियोग्राफर का तबादला हो गया। तभी से लेकर आज तक एक्स-रे करवाने के लिए लोगों को फतेहाबाद या अग्रोहा जाना पड़ रहा है। उपरोक्त मशीन का उपयोग न होने के कारण उसे जंग लग गई है और मौके पर खराब पड़ी है। वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ का भी पद खाली होने के कारण लोगों को मेडिकल या आंखों के चेकअप के लिए फतेहाबाद का सऊर तय करना पड़ता है।
एसएमओ सहित 15 मेडिकल ऑफिसर, फार्मासिस्ट तथा लैब टेक्नीशियन के पद खाली : डॉ. रुस्तम
स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक डॉ. रुस्तम ने बताया कि सीएचसी में एसएमओ सहित 15 मेडिकल ऑफिसर के पद रिक्त हैं। फतेहाबाद के डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर हनुमान सिंह को बतौर एसएमओ भूना की जिम्मेवारी सौंपी हुई है, मगर स्थाई रूप से एसएमओ नियुक्त होना चाहिए। इसके अतिरिक्त 8 मेडिकल ऑफिसर, तीन लैब टेक्नीशियन, दो फार्मासिस्ट, एक रेडियोग्राफर का रिक्त पद लंबे समय से सीएससी भूना में खाली चल रहे है। जो कार्य 15 डॉक्टरों को मिलकर करना चाहिए उसे मात्र दो चिकित्सक को निभाना पड़ रहा है। लड़ाई झगड़े के मामले में भी एमएलआर काटनी पड़ रही है और मरीजों के स्वास्थ्य की देखभाल भी साथ-साथ करनी पड़ती है। केंद्र में रिक्त पदों को लेकर कई बार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जा चुका है।
स्टाफ की दिक्कत के बारे में प्रत्येक महीने रिपोर्ट सरकार एवं उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है। उम्मीद है कि जल्द ही इस बारे में कोई समाधान होगा। - डॉ. हनुमान सिंह, डिप्टी सिविल सर्जन फतेहाबाद एवं कार्यकारी एसएमओ भूना
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