Cotton की आवक पर दिखा गुलाबी सुंडी का असर : इस बार मंडी में बीते साल से 75 प्रतिशत कम आई कपास

Cotton की आवक पर दिखा गुलाबी सुंडी का असर : इस बार मंडी में बीते साल से 75 प्रतिशत कम आई कपास
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मार्केट कमेटी में दर्ज रिकार्ड के अनुसार इस साल अबतक 86618 क्विंटल कपास आ चुकी है। इस साल भाव सरकार रेट से ज्यादा होने से सरकारी खरीद नहीं हुई

हरिभूमि न्यूज. उचाना (जींद)

कपास की फसल में आई गुलाबी सुंडी का असर दिखाई दिया। इस बार मंडी में बीते साल की तुलना में 75 प्रतिशत कम कपास आई है। भाव तो बीते साल से काफी अधिक है लेकिन आवक काफी कम है। मार्केट कमेटी में दर्ज रिकार्ड के अनुसार इस साल अबतक 86618 क्विंटल कपास आ चुकी है।

बीते साल अब तक तीन लाख 47 हजार 783 क्विंटल कपास आई थी। इस साल 75 प्रतिशत कम कपास आई है। इस साल भाव 9600 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुके है। बीत साल भाव प्राइवेट बोली पर कम होने के चलते सीसीआई द्वारा की गई सरकारी खरीद पर कपास किसानों ने बेची थी। इस साल भाव सरकार रेट से ज्यादा होने से सरकारी खरीद नहीं हुई। कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप इतना था कि किसानों ने खेत में खड़ी फसल की जुताई तक करनी पड़ी।

किसान जगरूप, राजेंद्र, मनोज, बलराज ने कहा कि गुलाबी सुंडी के चलते कपास की फसल खराब हुई। इस बार किसानों को उत्पादन कम होने से नुकसान हुआ है। जो कपास खराब होने से रह गई उसकी क्वालिटी खराब है। जिस फसल की क्वालिटी अच्छी है उसके भाव बीते साल से अधिक मिल रहे है। 9600 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव इस साल रहे है। इस बार अगर कपास का उत्पादन बेहतर होता किसानों को आर्थिक रूप से फायदा होता। मार्केट कमेटी सचिव नरेंद्र कुंडू ने बताया कि इस बार बीते साल से कम फसल कपास मंडी आई है। कपास कम आने का कारण इस बार फसल खराब होना है।

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