किसान आंदोलन के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट लिखकर खुद को मारी गोली

किसान आंदोलन के समर्थन में संत बाबा राम सिंह ने सुसाइड नोट लिखकर खुद को मारी गोली
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नानकसर सिंगरा निसिंग करनाल निवासी बाबा रामसिंह (65) मोर्च के साथ कुंडली बार्डर पर धरने पर आए थे। किसान ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा हैं। जिसमें उसने किसानों का दर्द नहीं देखा जा रहा। अन्नदाता ठंड में अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं। अपने हकों की लड़ाई के लिए लड़ रहा हैं।

सोनीपत : केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद करवाने की मांग को लेकर चल रहे धरने में संत बाबा राम सिंह ने रोष-प्रकट करने के लिए अपनी जान दे दी। खुद की लाइसेंसी हथियार से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। किसान ने मरने से पहले सुसाइड नोट लिखा हैं। जिसमें उसने किसानों का दर्द नहीं देखा जा रहा। अन्नदाता ठंड में अपनी मांगों को लेकर सड़क पर हैं। अपने हकों की लड़ाई के लिए लड़ रहा हैं। कृषि बिलों पर सरकार हठधर्मिता कर रही हैं। जिसके कारण मैं आत्महत्या कर रहा हुं। मामले की सूचना मिलते ही कुंडली थाना पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया हैं। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही हैं।


नानकसर सिंगरा निसिंग करनाल निवासी संत बाबा राम सिंह (65) किसान मोर्च के साथ कुंडली बार्डर पर धरने पर आया था। बुधवार को धरना स्थल पर अपने साथियों के साथ मौजूद था। रामसिंह के नजदीकी अमरजीत सिंह ने बताया कि देर शाम उन्होंने खुद को गोली मार ली। घायल अवस्था में उसे लेकर पानीपत के निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया। मामले की सूचना मिलते ही कुंडली थाना पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने घटना स्थल से नमूने एकत्रित किए हैं। निजी अस्पताल से शव को कब्जे में लेकर पानीपत के सरकारी अस्पताल के शवगृह में रखवाया हैं।

खुद का बलिदान देने की बात कहकर मारी गोली

प्रत्यक्षदर्शी के बताए अनुसार धरना स्थल पर किसान मौजूद थे। उसी दौरान संत बाबा राम सिंह आंदोलन में बलिदान देने की बाते करने लगा। देखते ही देखते थोड़ी देर में अन्य किसानों को स्टेज पर भेज दिया। उसके बाद खुद को अपने वाहन में जाकर गोली मार ली। गोली मारने की खबर आग की तरह धरना स्थल पर फैल गई। घायल अवस्था में किसान को पानीपत के निजी अस्पताल में लाया गया। जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।

किसानों की दुर्दशा देखकर हूं आहत

धरना स्थल पर बैठे किसानों ने बताया कि रामसिंह कई दिनों पहले धरना स्थल पर पहुंचा था। कई दिनों से किसानों की दुर्दशा देखकर परेशान था। ठंड में किसान खुले आसमान के नीचे अपनी मांगे पूरी करवाने को लेकर धरना दे रहे हैं। किसानों की सुनने वाला कोई नहीं हैं। सुसाइड नोट में अपनी पीड़ा पंजाबी भाषा में लिखकर अपनी गाड़ी में खुद को गोली मार ली। सुसाइड नोट में अपनी मौत को सरकार के खिलाफ रोष-प्रदर्शन बताया।

मौके से सुसाइड नोट मिला हैं

धरना स्थल पर संत बाबा राम सिंह ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। शव को कब्जे में लेकर पानीपत के सरकारी अस्पताल में भिजवाया हैं। मौके से सुसाइड नोट मिला हैं। जिसकी जांच की जा रही हैं। पिस्तौल लाइसेंसी थी इसकी जांच की जा रही हैं।- डा. रविंद्र, डीएसपी।

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