खेल में बाधा बनी आर्थिक स्थिति, अब ये डाॅक्टर उठाएंगे खिलाड़ी का खर्च

फतेहाबाद : जिले के गांव धारणियां की 6 बेटियों का सरकार द्वारा संचालित चंडीगढ़ अकेडमी में चयन हो गया है। इनमें से एक लड़की के परिवार की आर्थिक हालात ठीक नहीं है, जिस वजह से उसने चंडीगढ़ जाने में असमर्थता जताई तो जेजेपी के वरिष्ठ नेता एवं प्रमुख समाजसेवी डॉ. विरेन्द्र सिवाच ने ट्रेनिंग का खर्च वहन करने की जिम्मेवारी ले ली है। इससे बेटी के चेहरे पर खुशी दमकने लगी और कहा कि अंकल देखना मैं अच्छा खेल दिखाकर देश के लिए मेडल जरूर लाउंगी।
परिवार के आर्थिक हालात की जानकारी परिजनों की ओर से नहीं बल्कि कोच द्वारा डॉ. सिवाच को दी गई थी। इसके बाद डॉ. सिवाच गांव के स्टेडियम में पहुंचे और सबसे पहले इसी लड़की को आशीर्वाद दिया। डॉ. सिवाच ने कहा कि बेटा आप अच्छा खेलो, कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। खेलकर परिवार का व गांव का नाम रोशन करें। हॉकी में तो हमारी टीम इस बार सेमीफाइनल तक पहुंची है। आप भी भारतीय हाकी टीम का चेहरा बने मेरी शुभकामनाएं हमेशा आपके साथ रहेंगी।
कोच ने बताया कि गांव की 6 लड़कियों का सिलेक्शन हुआ है, उनमें से एक लड़की इसलिए नहीं जा पा रही थी कि उसका परिवार आर्थिक दृष्टि के कारण भेजना नहीं चाहता था। हालांकि ज्यादातर खर्च अकेडमी द्वारा ही वहन किया जाता है लेकिन फिर भी आने-जाने सहित अन्य खर्चे रहते हैं। डॉ. सिवाच ने कहा कि लड़की को परिवार से पूछकर भेज दिया जाए। आर्थिक रूप से उनके सामने कोई परेशानी नहीं आने दी जाएगी। गौरतलब है कि इससे पहले भी डॉ. सिवाच कई खिलाडिय़ों की आर्थिक तौर पर मदद कर चुके हैं।
डॉ. सिवाच ने बताया कि इससे पहले वे भूना के पहलवान नरेश जांगड़ा को विश्व स्कूली कुश्ती चैम्पियनशिप में भाग लेने के लिए उसका खर्च उठा चुके हैं। उनके सामने विदेश में खेलने के लिए अढ़ाई लाख रुपये की राशि बड़ा सवाल था। इसके बाद वे डॉ. सिवाच से मिले और डॉ. सिवाच ने उनकी आर्थिक मदद की और उन्हें टर्की भेजा। इस प्रतियोगिता में नरेश कुमार को रजत पदक मिला था।
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