Rohtak : पहला मामला सुलझा नहीं, अब एलिवेटिड ट्रैक के नीचे सड़क के दायरे में आए 151 घर-दुकान, टूटने की नौबत

Rohtak : पहला मामला सुलझा नहीं, अब एलिवेटिड ट्रैक के नीचे सड़क के दायरे में आए 151 घर-दुकान, टूटने की नौबत
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सड़क बनाने के लिए दायरे में आ रहे 82 मकान और 57 दुकान तोड़नी पड़ेंगी। इसके अलावा करीब 12 खाली प्लॉट भी हैं।

पंकज भाटिया : रोहतक

अभी तक एलिवेटिड रेलवे ट्रैक के दायरे में आए मकानों और दुकानदारों का मामला भी नहीं सुलझ पाया है और अब ट्रैक के नीचे सड़क बनाने की तैयारी हो गई है। सड़क बनाने के लिए दायरे में आ रहे 82 मकान और 57 दुकान तोड़नी पड़ेंगी। इसके अलावा करीब 12 खाली प्लॉट भी हैं। बता दें कि नगर निगम द्वारा दो किलोमीटर लंबी सड़क बनाने के लिए ठेका दिया जा चुका है। निगम के अधिकारियों ने बकायदा ठेकेदार को साइट का निरीक्षण भी करवा दिया है। बजरंग भवन फाटक से लेकर डबल फाटक आईटीआई तक 1800 मीटर यानी करीब दो किलोमीटर तक सड़क का निर्माण किया जाना है।

ठेकेदार बुधवार से काम शुरू करने की बात कह रहा है, लेकिन यहां सिर्फ 150 मीटर जगह ही खाली है यानी इतने रास्ते पर ही फिलहाल सड़क बनाई जा सकती है। बाकि करीब 1650 मीटर में घर-दुकान और प्लाट हैं। इेका लेने वाली मार्शल कंस्ट्रक्शन कंपनी ठेकेदार का कहना है कि इस अतिक्रमण को नगर निगम ही हटवा कर देगा। अब बड़ा सवाल ये उठता है कि पहले से नाराज गांधी कैंप के लोगों को घर और मकान तोड़ने के लिए नगर निगम कैसे राजी करेगा।

दो करोड़ 75 लाख में दिया गया है ठेका

सड़क निर्माण का ठेका 2 करोड़ 75 लाख में दिया गया है। सड़क तारकोल की बनाई जाएगी। गत शुक्रवार को नगर निगम के अधिकारियों ने साइट पर जाकर ठेकेदार को सारी स्थिति से अवगत करवा दिया है। हालांकि सोमवार को ठेकेदार को अलॉटमेंट दे दिया जाएगा।

151 में 57 दुकानें और 82 घर शामिल हैं

बता दें कि पिछले दिनों यूएलबी के डॉयरेक्टर इस जगह पर पहुंचे थे। जहां लोगों ने उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत करवाया। करीब दो किलोमीटर बनने वाली इस सड़कें बीच में करीब 151 दुकान-मकान आते हैं। अभी केवल साईं बाबा मंदिर की तरफ से ही कुछ दुकान व मकान टूटे हैं। 151 में से करीब 57 दुकानें हैं और बाकी 82 घर हैं। इसके अलावा 12 खाली प्लाट हैं।

यहां ये भी बता दें कि पुरानी रेलवे लाइन से 54 फीट रेलवे की जगह को छोड़कर इसके आगे 15 फीट तक सड़क का निर्माण किया जाएगा। सड़क निर्माण के बाद नगर निगम इसके आस-पास पेड़-पौधे लगाकर सौंदर्यकरण भी करेगा।

उच्चाधिकारियों के निर्देश पर ठेकेदार को मौके का निरीक्षया करवा दिया गया है। ठेकेदार द्वारा जो अतिक्रमण हटवा कर देने की जो बात कही गई है उस पर भी जो आदेश आला अधिकारियों के होंगे वैसे ही उन पर काम किया जाएगा। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी जाएगी। -शिव कुमार, तहसीलदार, नगर निगम

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