परदेसियों ने भरनी शुरू की अपने देश के लिए उड़ान

परदेसियों ने भरनी शुरू की अपने देश के लिए उड़ान
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ये खूबसूरत विदेशी पक्षी हर साल अक्टूबर माह की शुरुआत में भारत में आना शुरू कर देते हैं। झज्जर जिले में भिंडावास झील के अलावा डीघल, मांडोठी और बादली आदि क्षेत्र भी इन मेहमानों को खूब रास आते हैं।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

साइबेरिया, रूस सहित अन्य ठंडे देशों से झज्जर जिले में आए खूबसूरत परिंदों ने अपने देश लौटने के लिए उड़ान भरनी शुरू कर दी है। मार्च माह के अंत तक अधिकांश पक्षी चले जाएंगे। इस सीजन में विदेशी पक्षियों के शिकार का कोई केस सामने नहीं आया।

दरअसल, ये खूबसूरत विदेशी पक्षी हर साल अक्टूबर माह की शुरुआत में भारत में आना शुरू कर देते हैं। झज्जर जिले में भिंडावास झील के अलावा डीघल, मांडोठी और बादली आदि क्षेत्र भी इन मेहमानों को खूब रास आते हैं। इस साल भी कोरमोरेंट, व्हाइट ग्रेट, पिनटेल, मऊरार, पोचर्ड स्ट्रोक, मैलार्ड, स्पॉटेड ईगल, पैलकन, साईबेरियन बतख सहित कई नस्लों के लाखों पक्षियों ने जिले में डेरा डाला। लोगों ने इनकी खूबसूरती का खूब लुत्फ उठाया। लगभग पांच महीने ठहरने के बाद ये मेहमान अब अपने देश लौटने लगे हैं। भिंडावास झील और मांडोठी वेटलैंड (आर्द्र भूमि) से काफी पक्षी जा चुके हैं।

नेचर कंजर्वेशन फाउंडेशन के सदस्य सोनू दलाल ने कहा कि आमतौर पर फरवरी के अंत और मार्च की शुरुआत में पक्षी अपने देश लौटना शुरू कर देते हैं। इस बार तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है तो मार्च माह के अंत तक लगभग पक्षी लौट ही जाएंगे। कुछ महीने बाद फिर से ये आने शुरू होंगे। वैसे सात समुंद्र पार करके आए इन पक्षियों को विदेशी कहना भी उचित नहीं, क्योंकि साल में पांच से छह महीने तो ये हमारे देश में ही रहते हैं। इसके अलावा कुछ पक्षी यहां हमेशा के लिए भी ठहर जाते हैं।

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