Mustard Oil : सरसों के तेल में मिलावटखोरी करने वालों का खेल शुरू, पचास फीसदी से ज्यादा सैंपल फेल

योगेंद्र शर्मा. चंडीगढ़
सरसों और बाकी तेलों के दामों में भारी उछाल के कारण हरियाणा में मिलावटखोरी करने वाले भी जमकर खेल करने में लगे हुए है। जिससे लोगों की सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा वहीं दाम भी जेबों पर भारी पड़ रहे हैं। सरसों का तेल महंगा होने के बाद में इसमें मिलावट की शिकायतों को देखते हुए राज्य में इनके विरुद्ध मुहिम भी छेड़ी गई है। खास बात यह है कि ढाई सौ से ज्यादा सैंपल भरे, जिसमें लगभग पचास फीसदी तक फेल मिले हैं। इन लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जा रही है।
सूबे में चल रही मुहिम के तहत 80 से ज्यादा सैंपल की जांच में गोलमाल सामने आया है। अर्थात बड़ी कंपनियों के स्टीकर लगाकर सस्ता तेल बेचने का खेल हो रहा है, वहीं गुणवत्ता के मामले में भी परिणाम बेहद खराब हैं।
प्रदेश की मनोहरलाल सरकार ने तेल की कीमतों और मिलावटखोरी को देखते हुए 11 लाख परिवारों को सरसों को तेल नहीं देने का फैसला भी लिया था। बढ़ती महंगाई और तेल के नाम पर चल रहे खेल का अफसरों को आभास हो चुका था। इस पर सरकार की ओर से अफसरों की सलाह पर परिवारों को उनके खातों में पैसा देने का फैसला किया था। जिससे वे सरसों के तेल के स्थान पर वैकल्पिक तेल रिफाइंड आदि से काम चला सकते थे।
सूबे के फूड एंड ड्रग्स प्रशासन विभाग की ओर से सरकार के निर्देशों के बाद में सरसों के तेल में मिलावटखोरी और नकली माल बेचने वालों के विरुद्ध मुहिम की शुरुआत की। टीमों ने सारे राज्यभर के जिलों से सैंपल भरे इससे साबित हुआ कि व्यापक पैमाने पर मिलावट चल रही है। गत माह राज्य के विभिन्न जिलों में ढाई सौ से ज्यादा सैंपल अकेले सरसों के तेल के लिए गए। इसी माह 12 जुलाई को रिपोर्ट आई, जिसने सारी पोल खोलकर रख दी। इस दौरान गुणवत्ता और गोलमाल की बात सामने आईं व मिलावटखोरी की बात साबित हुई। इन सैंपल में से मात्र 164 ही पास हुए बाकी सभी में गोलमाल पाया गया। सैंपलिंग के बाद में 82 सैंपल के ब्रांड के नाम पर भी खेल चल रहा था।
सरसों के तेल में पाए जाने वाले इंग्रेडिएंट( तत्वों) के बारे में जानकारी गलत और इनको हेराफेरी के साथ में बड़े ब्रांड के नामों से बेचा जा रहा था। रिपोर्ट में खुलासा और पांच सैंपल गुणवत्ता के विपरीत, 6 सैंपल बेहद खराब गुणवत्ता वाले थे, जिन पर तुरंत ही रोक लगा दी गई। ब्रांड के नाम पर जहां गलत तेल बेचा जा रहा था, वहीं दाम भी अनाप-शनाप वसूले जा रहे हैं। सभी के विरुद्ध विभाग ने संबंधित नियमों के तहत शिकंजा कस दिया है, दूसरी तरफ सैंपलिंग और कार्रवाई की मुहिम जारी है। रेवाड़ी और झज्जर दोनों जिलों में जमकर खेल हुआ और इसके अलावा भी कई अन्य जिलों से बेहद ही खराब तेल बेचे जाने की शिकायतें हैं।
यहां पर गौरतलब रहे कि जिलों में इन दिनों एडीसी के पास में इस तरह के तत्वों पर शिकंजा कसने के अधिकार हैं। साथ ही सैंपल फेल और मिलावटी बेचने, नकली सामान की बिकी पर 3 से लेकर 5 लाख तक जुर्माना कर सकता है। विभाग के अफसरों का कहना है कि सभी जिलों में वैसे, तो कार्रवाई कर रहे हैं लेकिन रोहतक में 15 सैंपल भरे थे जिनमें से 6 खराब पाए गए व नारनौल 15 में से 6 सैंपल खराब मिले हैं। झज्जर में भी 16 में 6 सैंपल इसी तरह से जींद में 18 में 6, हिसार 7 में 5 सैंपल मिस ब्रांडेड पाए, यमुनानगर में भी भारी मिलावट के मामले सामने आए।
राज्यभर के जिलों से लिए गए सैंपल भिवानी से 11, चरखी दादरी 9, फऱीदाबाद 6, फतेहाबाद 11, हिसार 7 और सबसे ज्यादा जींद में 18 सैंपल भरे गए थे। पानीपत में 9, रेवाड़ी 9 पंचकूला 15 और नारनौल व रोहतक में भी 15-15 सैंपल लिए गए। अंबाला, गुरुग्राम और झज्जर तीनों सैंपल के मामले में दूसरे स्थान पर रहे। करनाल में 7, कुरुक्षेत्र 8, यमुनानगर 10, कैथल 12, सिरसा 7 और नूंह से 5 सैंपल लिए।
इस संबंधघ में आयुक्त राज्य खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग राजीव रत्तन का कहना है कि इस तरह के मामलों में कोई भी होई कार्रवाई होगी, हमारी टीमों फील्ड में लगातार नजर रखे हुए हैं। लोग भी इस तरह के तत्वों की जानकारी दें और शिकायत करें।
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