फसलों की सेहत जांचेंगे अधिकारी : कीटनाशक के इस्तेमाल को लेकर धरातल पर जाकर किसानों को जागरूक करेगा कृषि विभाग

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत
फसलों में कीटनाशक दवाओं के छिड़काव व उनकी सेहत की देखभाल करने के लिए कृषि विभाग धरती-पुत्रों को धरातल पर जाकर जागरूक करने का काम करेगा। जिले के हर ब्लॉक में चार एकड़ भूमि पर उगी फसलों के सेहत की जांच करके उसमें इस्तेमाल होने वाले कीटनाशक के बारे में किसानों को जानकारी दी जाएगी। साथ ही उक्त अधिकारी फसलों की रह सप्ताह खेत में जांच करेगें। उक्त जांच रिपोर्ट के बारे में हर सप्ताह उच्च अधिकारियों को अवगत करवाया जाएगा।
बता दें कि खरीफ सीजन में उगाई जाने वाली फसलों पर मौसमी मार व अन्य कारणों के चलते कीटों को प्रकोप बन जाता हैं। कीटों से फसलों को बचाने के लिए अत्यधिक मात्रा में कीटनाशओं का छिड़काव करते हैं। जिसके चलते फसलों के जहरीली होने के साथ-साथ उसकी गुणवता पर असर पड़ता हैं। साथ ही पर्यावरण प्रदूषित भी होता है। फसलों में हुए छिड़काव के चलते किसानों को आर्थिक खर्च के लिए जेब ढीली करनी पड़ती हैं। ऐसे में कृषि विभाग इस बार विशेष मॉनिटरिंग अभियान चलाएगा, उसी के आधार पर विभाग किसानों को फसलों में कीटनाशकों के इस्तेमाल करने से संबंधित समय-समय पर गाइडलाइन जारी करेगा।
धान, गन्ने के साथ कपास पर कीटों को ज्यादा खतरा
कृषि विभाग के मिली जानकारी के अनुसार गत वर्ष खरीफ सीजन के तहत कपास की फसल में किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ा था। सफेद मक्खी सहित कई प्रकार के कीटों के कारण कपास का उत्पादन काफी कम हुआ था। ऐसे में कृषि विभाग ने इस बार कपास की फसल पर लगने वाले कीटों की बेहतर ढंग से मॉनिटरिंग करने का फैसला किया है, ताकि अगर कीटों की संख्या बढ़े तो तुरन्त प्रभाव से किसानों को गाइडलाइन जारी करके कीटनाशकों के छिड़काव या फिर अन्य उपायों के प्रति जागरूक किया जा सके। कपास के अतिरिक्त धान और गन्ने की फसल की भी नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। जिले में खरीफ सीजन के तहत करीब 6 हजार हेक्टेयर भूमि में जहां कपास की खेती की जाती है, वहीं करीब 1 लाख हेक्टेयर भूमि में धान की खेती होती है। इसी तरह से करीब 7 हजार हेक्टेयर भूमि में किसान गन्ने की फसलें भी उगाते हैं।
हर ब्लॉक में चार एकड़ भूमि पर अधिकारी रखेंगे कीटों पर नजर
कृषि विभाग ने योजना को सिरे चढ़ाने के लिए ब्लाक स्तर पर टीमों का गठन किया है। जिसके अंतर्गत हर सप्ताह टीम अपने-अपने निर्धारित क्षेत्र में पहुंचकर फसलों में लगे कीटों का सर्वे करेगी। इस दौरान फसल के एक पत्ते पर कितने कीट मौजूद है, इसकी बारिकी से जांच की जाएगी। अगर प्राकृतिक तौर पर कीटों की संख्या नियंत्रित रहती है तो किसानों को कीटनाशकों का इस्तेमाल न करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यही नहीं अगर सप्ताह भर के अंदर फसल में कीटों का प्रकोप बढ़ता है तो किसान को गाइडलाइन जारी कर समस्या का समाधान बतलाया जाएगा।
किसानों को फसलों में इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशक को लेकर हर ब्लॉक में जाकर कृषि अधिकारी जागरूक करने का काम करेगें। साथ ही हर ब्लॉक की चार एकड़ भूमि पर उगी फसल पर आने वाले कीटों की जानकारी व उसमें इस्तेमाल कीटनाशक की रिपोर्ट तैयार उच्च अधिकारियों को अवगत करवाने का काम करेंगे। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए विभाग ने कारगर कदम उठाए है। - अनिल सहरावत, जिला कृषि अधिकारी।
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