बाल विवाह के मामलाें पर हाईकोर्ट ने चिंता जताई, सरकारों से पूछा बताएंं क्या कार्रवाई की

पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) ने बढ़ते बाल विवाह के मामले पर चिंता जताते हुए हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ प्रशासन (Haryana, Punjab and Chandigarh Administration) से जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के जस्टिस ए के त्यागी ने सरकारों से पूछा है कि वो यह बताए कि बाल विवाह (Child marriage) की उनके पास कितनी शिकायत आई और उन पर सरकार ने क्या कार्रवाई की।
मामला कपूरथला के एक प्रेमी जोड़े की सुरक्षा का था। जहां युवक 22 वर्ष का था और युवती 18 वर्ष से कम की। इस दौरान लड़की के परिजनों ने उसके नाबालिग होते हुए उसे अपने साथ ले जाने की मांग की थी। इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या जहां लड़की की आयु विवाह योग्य न हो उस पर चिंता जताते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि कठोर कानून के बावजूद बाल विवाह पर रोक नहींं लग पा रही है।
हाई कोर्ट ने कहा कि लगातार ऐसे मामले सामने आने के बावजूद भी पुलिस ठोस कदम नहीं उठाती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि कम उम्र की शादी के मामलों में आने वाली शिकायतों पर पुलिस किस प्रकार कार्रवाई करती है। कोर्ट ने सभी पक्षों को 25 नवम्बर तक जवाब दायर करने का निर्देश दिया है।
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