Paddy Farming : धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों की प्रोत्साहन राशि अधर में लटकी, इस कारण नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ

Paddy Farming : धान की सीधी बिजाई करने वाले किसानों की प्रोत्साहन राशि अधर में लटकी, इस कारण नहीं मिल पा रहा योजना का लाभ
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योजना के तहत किसानोें को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की राशि देने का फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया था। जिसमें किसानों को बढ़-चढ़कर योनना का लाभ लिया। फसल पक कर मंडियों में पहुुंच चुकी हैं, लेकिन योजना का लाभ किसानों को अब तक नहीं मिल पाया हैं। अधिकारियों की लेट-लतीफी के चलते किसानों में सरकार की छवि धूमिल हो रही हैं।

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

सरकारी योजनाओं को धरातल पर लागू करने का कार्य संबंधित विभाग के अधिकारियों को होता हैं। अधिकारियों की लेट-लतीफी व लापरवाही के चलते सरकारी योजनाओं को आमजन लाभ नहीं उठा पाते हैं। जिसका ताजा मामला खरीफ सीजन में धान की सीधी बिजाई करने का हैं। योजना के तहत किसानोें को प्रति एकड़ पांच हजार रुपये की राशि देने का फैसला प्रदेश सरकार द्वारा लिया गया था। जिसमें किसानों को बढ़-चढ़कर योजना का लाभ लिया। फसल पक कर मंडियों में पहुुंच चुकी हैं, लेकिन योजना का लाभ किसानों को अब तक नहीं मिल पाया हैं। अधिकारियों की लेट-लतीफी के चलते किसानों में सरकार की छवि धूमिल हो रही हैं।

बता दें कि प्रदेश सरकार द्वारा जल संरक्षण को लेकर किसानों को खरीफ सीजन में धान की रोपाई की बजाय सीधी बिजाई करने की योजना को लागू किया था। योजना के तहत किसानों को जागरूक करने व भूमिगत जल को बचाना था। जिसके चलते सरकार की तरफ से योजना के तहत कार्य करने वाले किसानों को एकड़ 5 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया गया था। धान की कटाई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है।

किसानों का धान मंडि़यों में पहुंचने के साथ-साथ मिलों में पहुंच चुका हैं, लेकिन अब तक किसानों को धान की सीधी बिजाई करने पर जारी की जाने वाली प्रोत्साहन राशि किसानों के खातों में नहीं पहुंची है। ऐसे में किसानों को निराशा का सामना करना पड़ रहा है और जानकारी प्राप्त करने के लिए बार-बार कृषि विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। धान की सीधी बिजाई योजना के तहत जिले में 1 हजार 2 एकड़ भूमि को भौतिक निरीक्षण के बाद योजना के तहत पास किया गया था। योजना के तहत भौतिक निरीक्षण के लिए पटवारी, किसान व सरपंच की टीमों का गठन किया गया था। जिन्हें समय पर विभाग व सरकार का रिपोर्ट सौंपनी थी।

90 हजार हक्टेयर में उगाया जाता हैं धान, टीमें रिपोर्ट देने में फिसड्डी

खरीफ सीजन में सोनीपत जिले में करीब 90 हजार हेक्टेयर भूमि में धान उगाया जाता है। अधिकतर किसान धान की रोपाई ही करते हैं। धान की रोपाई प्रक्रिया में पानी काफी अधिक खर्च होता है। वहीं लागत मूल्य भी बढ़ जाती है। ऐसे में प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया था। किसानों ने भी जल संरक्षण की मुहिम को मजबूत करने के लिए काफी संख्या में धान की रोपाई करने की बजाए धान की सीधी बिजाई की। धान की सीधी बिजाई योजना के तहत जिले में 1 हजार 2 एकड़ भूमि को भौतिक निरीक्षण के बाद योजना के तहत पास किया गया था। योजना के तहत भौतिक निरीक्षण के लिए पटवारी, किसान व सरपंच की टीमों का गठन किया गया था। जो समय पर विभाग व सरकार को रिपोर्ट नहीं दे पाएं। जिसके चलते 516 किसानों के लाखों रुपये की राशि अटकी पड़ी हैं।

प्रोत्साहन राशि की लिस्ट तैयार कर विभाग को भेजी जा चुकी

प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देशों पर जल संरक्षण मुहिम को मजबूत करने के लिए धान की सीधी बिजाई को लेकर किसानों को जागरूक करने का काम किया। काफी संख्या में किसानों ने धान की रोपाई करने की बजाए खरीफ सीजन में धान की सीधी बिजाई की थी। किसानों को मिलने वाली प्रोत्साहन राशि की लिस्ट तैयार कर विभाग को भेजी जा चुकी हैं। लार्भी किसानों के खाते में जल्द राशि आने की उम्मीद हैं।- अनिल सहरावत, कृषि उपनिदेशक, सोनीपत।

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