वक्फ बोर्ड की जमीन का ब्यौरा ऑनलाइन करने का मुद्दा लोकसभा में उठा

वक्फ बोर्ड की जमीन का ब्यौरा ऑनलाइन करने का मुद्दा लोकसभा में उठा
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सांसद नायब सिंह सैनी ने बुधवार को लोक सभा में कहा कि वक्फ एक्ट 1995 के वक्फ संशोधन एक्ट 2013 की तरफ ध्यान की सिफारिश की है।

सांसद नायब सिंह सैनी ने लोकसभा में वक्फ बोर्ड की सारी जमीन का ब्यौरा ऑनलाइन प्रणाली से सार्वजनिक करने की आवाज को बुलंद करने का काम किया है। उन्होंने बुधवार को लोक सभा में कहा कि वक्फ एक्ट 1995 के वक्फ संशोधन एक्ट 2013 की तरफ ध्यान की सिफारिश की है। इस संशोधन के बाद से वक्फ बोर्ड की प्रॉपर्टी में अविश्वसनीय वृद्धि दर्ज हुई है और जुलाई 2020 तक वक्फ बोर्ड के पास 6,59,877 पंजीकृत प्रॉपर्टी हो गई है, जिसमें 8 लाख एकड़ जमीन भी है, लेकिन इसका ब्यौरा केंद्रीय वक्फ बोर्ड की वेबसाइट पर आज तक भी उपलब्ध नहीं कराया गया है। यह हैरानी की बात है कि सेना व रेलवे विभाग के बाद आज वक्फ बोर्ड प्रॉपर्टी के मामले में तीसरे स्थान पर है।

उन्होंने कहा कि जैसा की ज्ञात है, वक्फ बोर्ड सिर्फ उस जमीन व प्रॉपर्टी पर अपना हक जता सकता है जिसका मालिकाना हक मुस्लिम रहा हो जो अब मालिक विहीन है या किसी मुस्लिम द्वारा दान में दी गई है। सिर्फ इन कारणों से तो वक्फ बोर्ड इतनी प्रॉपर्टी अर्जित नहीं कर सकता। वक्फ एक्ट 1995 में एक सोची समझी योजना के तहत, उस समय की मौजूदा सरकार ने तुष्टिकरण की राजनीति से वशीभूत होकर 2013 में ऐसे ऐसे संशोधन किए जिनकी मदद से किसी भी लावारिस प्रॉपर्टी को बड़ी ही आसानी से हड़प लिया जा सके। अनुच्छेद 36, 40, 83,107 व 108 (ए) ऐसे ही कुछ उदाहरण है। ये संशोधन देश की धर्मनिरपेक्ष भावना के भी विरुद्ध है। उन्होंने कहा कि हरियाणा में तो, इस संशोधन के बाद, वक्फ बोर्ड ने 40-50 वर्षों से रह रहे किरायेदारों के अनुबंधों को रद्द करके प्रॉपर्टी का किराया 250 फीसदी तक बढ़ा दिया है।

सांसद ने भारत सरकार से मांग की है कि सरकार ये ब्यौरा सार्वजनिक करे कि जब वक्फ बोर्ड की स्थापना दिसम्बर 1964 में की गयी तब इसके पास कुल कितनी प्रॉपर्टी व जमीन थी व आज इसके पास कितनी प्रॉपर्टी व जमीन है और इसे पंजीकृत करते समय राजस्व रिकॉर्ड अनुसार उसका मालिकाना हक किसके नाम था। जिसका स्रोत मुस्लिम ना पाया जाए उस प्रॉपर्टी व जमीन को उसके असली मालिक को वापस लौटाया जाए और इस सारे ब्योरे को केंद्रीय वक्फ बोर्ड के वेबसाइट पर भी उपलब्ध कराया जाए।

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