कोचिंग हब के नाम से जानी जाने वाली मार्केट आज अव्यवस्थाओं के जाल में फंसी

हरिभूमि न्यूज. जींद
कोचिंग के लिए विख्यात डीआरडीए के सामने की हुडा मार्केट आज कल अव्यवस्थाओं की मार्केट बनी हुई है। सडकों की हालात खस्ता हो चुकी है तो यहां बने काम्पलैक्सों में पेयजल की भी भारी दिक्कत है। मार्केट में दो अस्पताल, दो बैंक, 50 से ज्यादा एकेडमी, ढाबे, रेस्टोरेंट व अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठान है। अव्यवस्थाओं के आलम के चलते दुकानदारों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। मार्केट की सफाई व्यवस्था बुरी तरह से चरमराई हुई है तो सड़कों में गडढे नहीं बल्कि गड्ढों में सड़कें हैं। मार्केट में रहने वाले दुकानदारों और दूसरे शिक्षाविदों ने रोष जताया है।
मार्केट में दुकान चलाने वाले राजेश, कुलदीप, नवीन, जोगेंद्र, दीपक ने बताया कि बताया कि यहां पर पेयजल सप्लाई की भारी किल्लत बनी रहती है। पहले दिन में सप्लाई आती थी लेकिन कुछ दिनों तक यहां इलेक्ट्रिक वर्क के चलते लाइट नहीं आई तो बाद में शाम और सुबह किसी भी समय पेजयल सप्लाई नहीं दी गई। इससे मार्केट के दुकानदारों और दूसरे सभी लोगों में रोष है। अस्पताल में सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं तो वहीं लैब पर तथा दुसरी दुकानों में लोग अपने काम के सिलसिले में आते हैं तो उन्हें पेयजल के अलावा शौचालय से संबंधित समस्या का सामना करना पड़ रहा है। राजेश का कहना है सर्दी के मौसम में पेयजल किल्लत है तो आने वाले गर्मी के मौसम में हालात और खराब हो सकते हैंए इसलिए उनकी मांग है पेयजल की रोजाना सुबह 10 बजे के करीब पेयजल सप्लाई की जाए, ताकि सभी दुकानदारों और एकेडमी संचालकों तथा दूसरे लोगों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिल सके। पानी के बिना उनकी दुकानों पर रखी पानी की टंकियां खाली हो गई हैं।
सड़कों की हालात बदतर : राजेश
मार्केट में कंप्यूटर शॉप चलाने वाले राजेश का कहना है कि मार्केट में जो सड़क बनी है, वह बुरी तरह से टूटी हुई है। इसमें गहरे गड्ढे हो गए हैं। जिसके कारण गाड़ी भी क्षतिग्रस्त हो रही हैं। बारिश के दौरान यहां के हालात और बदतर हो जाते हैं। इतने महंगे किराए हैंं जबकि उसकी एवज में सुविधाएं शून्य हैं।
तीन महीने में होती है एक बार सफाई
एडवांस लैब संचालक सचिन शर्मा का कहना है कि तीन.तीन महीने में एक बार मार्केट में सफाई होती है वह भी आधी.अधूरी की जाती है। दुकानों के आगे कूड़े के ढेर लग जाते हैं। दुकानों से किराया के अलावा डेवलपमेंट चार्ज का वह भुगतान कर रहे हैं तो फिर भी उन्हें मूलभूत सुविधाएं पूरी तरह से नहीं मिल पा रही।
दो विभागों के बीच में फंसी है मार्केट
दरअसल हुडा मार्केट पेयजल के मामले में हुडा विभाग और जन स्वास्थ्य विभाग के बीच उलझी है तो सड़कों की दशा सुधारना नगर परिषद के जिम्मे है। ऐसे में दोनों विभाग आपस में एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालकर बचते रहते हैं। इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। यहां पर पेयजल सप्लाई जन स्वास्थ्य विभाग की है और पानी के बिल हुडा दुकानदारों से वसूलता है। यदि दुकानदार इसकी शिकायत जन स्वास्थ्य विभाग के पास करते हैं तो जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी यह कहते हैं कि यह एरिया उनका नहीं है। इसकी शिकायत हुडा को करो।
जन स्वास्थ्य विभाग के जेई सन्नी रोहिला ने कहा कि हुडा मार्केट में पेयजल समस्या का मामला उनके नोटिस में नहीं है। वह इस मामले में जांच की जाएगी और उसका समाधान करवाया जाएगा। वहीं सड़कों का पैच वर्क का काम नगर परिषद को ट्रांसफर किया गया है, इसलिए नगर परिषद ही पैच वर्क करवाएगी। नगर परिषद के अधिकारियों ने भी पैचवर्क संबंधी समस्या के समाधान का आश्वासन दिया है।
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