10 दिन में ऑक्सीजन प्लांट तैयार होने का किया था दावा, अब तक केवल ढांचा ही तैयार हो पाया

हरिभूमि न्यूज. जींद
जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल में ऑक्सीजन को लेकर मरीज परेशान न हो, इसके लिए सरकार द्वारा गत 21 जून को ऑक्सीजन प्लांट निर्माण कार्य की शुरूआत की गई थी। तब यहां 1000 लीटर प्रति मिनट के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का निर्माण कार्य एक सप्ताह से 10 दिन में पूरा किए जाने के दावे किए गए थे लेकिन अबतक भी केवल प्लांट का ढांचा ही तैयार हो पाया है। अभी तक अस्पताल में मशीनें भी नहीं पहुंची है। जिससे साफ जाहिर है कि प्लांट निर्माण में एक सप्ताह का और समय लगेगा। हालांकि प्लांट निर्माण में अस्पताल प्रशासन को कोई भूमिका नहीं निभानी है बावजूद इसके प्लांट निर्माण को लेकन एनएचएआई अधिकारियों से संपर्क में है।
स्वास्थ्य विभाग व सरकार ने नागरिक अस्पताल में एक हजार लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन जनरेट करने के प्लांट को स्वीकृति दी थी। जिसका टेंडर एनएचएआई को दिया गया है। प्लांट को 10 दिनों में सिरे चढ़ाया जाना था लेकिन अभी तक केवल ढांचा ही तैयार हुआ है। प्लांट के लिए अस्पताल में 35 बाई 20 फुट में बेस व दीवारों पर ही शील्ड ही लगाने का काम किया गया है। इसमें मशीनें पीएम केयर फंड से आनी हैं, जोकि अभी तक मिली नहीं है। नागरिक अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जाने की तैयारी से लोग खुश थे और उन्हें लगा था कि यह प्लांट चंद दिनों में तैयार हो जाएगा। अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग में मौजूद इमरजेंसी बेड्स को ऑक्सीजन सेंटर लाइन से जोड़ा जा सकेगा। जिससे 70 से 80 हाई फ्लो वाले मरीजों को पर्याप्त ऑक्सीजन मुहैया होगी।
फिलहाल यह प्लांट केवल शेड बनकर रह गया है। चिकित्सकों की मानें तो अगर मशीनें आ जाएं तो दो से तीन दिनों में प्लांट शुरू हो जाएगा। मगर ऑक्सीजन जनरेट करने की मशीनें कब आएंगी इस बारे किसी को पता नहीं है। गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी से गंभीर मरीजों की सांसे अटकने लगी थी। कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए मरीजों को ऑक्सीजन के लिए परेशान न होना पड़े इसे लेकर नागरिक अस्पताल में नई बिल्डिंग के सामने ऑक्सीजन प्लांट लगाने का कार्य शुरू किया गया था। इससे प्रति मिनट एक हजार लीटर ऑक्सीजन जनरेट होगी।
प्लांट निर्माण में अस्पताल प्रशासन का कोई रोल नहीं : डा. गोपाल
नागरिक अस्पताल के एमएस डा. गोपाल गोयल ने बताया कि एनएचएआई की तरफ से अस्पताल में यह प्लांट लगाया जा रहा है। प्लांट निर्माण में अस्पताल प्रशासन का कोई रोल नहीं है। फिलहाल प्लांट का फर्श व शेड तैयार है। प्लांट लगने के बाद ऑक्सीजन स्टोरेज की जरूरत नहीं पड़ेगी और सीधे मैनीफोल्ड के जरिये बेड पर ऑक्सीजन की सप्लाई होगी। प्लांट में लगने वाली मीशनों की जानकारी एनएचएआई को है।
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