तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले को अब मौत की सजा, बहन की लव मैरिज से खफा होकर दिया था वारदात को अंजाम, पढ़ें पूरा मामला

तिहरे हत्याकांड को अंजाम देने वाले को अब मौत की सजा, बहन की लव मैरिज से खफा होकर दिया था वारदात को अंजाम, पढ़ें पूरा मामला
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हरीश को भादंसं की धारा 302 में फांसी की सजा दी है। धारा 307 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुमार्ना, 449 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुमार्ना, शस्त्र अधिनियम में पांच साल कैद व 5 हजार रुपये जुमार्ना, एससीएसटी एक्ट में उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

झूठी शान के लिए प्रेम विवाह करने वाली युवती के पति, सास व ससुर की हत्या करने के दोषी को अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है। दोषी ने प्रेम विवाह करने वाली युवती के भाई के साथ मिलकर तीन हत्या करने के साथ ही युवती व उसके देवर को भी गोली मारकर घायल कर दिया था। न्यायाधीश ने इस मामले को दुर्लभतम करार देते हुए एक एक आरोपित हरीश को जेल भेज दिया। वहीं फरार दोषी सतेंद्र उर्फ मोनू को सजा उसकी गिरफ्तारी के बाद सुनाई जाएगी।

वार्ड-9 खरखौदा निवासी सूरज ने 19 नवंबर, 2016 को पुलिस को बताया था कि उसके बड़े भाई प्रदीप ने झज्जर के बिरधाना की रहने वाली सुशीला से तीन साल पहले प्रेम विवाह किया था। वह 18 नवंबर, 2016 की रात को परिवार के साथ घर पर सो रहे थे। रात में करीब दस बजे डस्टर गाड़ी में सवार होकर आए दो युवकों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी थी। गोली लगने से उसके भाई प्रदीप व मां सुनीता की मौके पर ही मौत हो गई थी। साथ ही गोली लगने से वह, उसका पिता सुरेश और गर्भवती भाभी सुशीला गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अस्पताल में उपचार के दौरान उसके पिता सुरेश ने भी दम तोड़ दिया था। गोली लगने से घायल होने पर उसकी भाभी ने घटना के अगले दिन रात को पीजीआई में बेटे को जन्म दिया था।

पुलिस जांच में सामने आया था कि वारदात को सुशीला के भाई सतेंद्र उर्फ मोनू व मोनू के दोस्त झज्जर के गांव हसनपुर निवासी हरीश ने अंजाम दिया था। मामले में सु्शीला के भाई सोनू व पिता ओमप्रकाश का भी नाम आया था। सभी आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया था। प्रदीप का परिवार अनूसचित जाति का होने के चलते मामले में एससीएसटी एक्ट भी लगाया था। सामने आया था कि सुशीला का परिवार दूसरी जाति के लड़के से शादी करने के कारण उससे खफा था। मामले में पुलिस ने आरोपितों को कोर्ट में पेश कर दिया था। इस मामले में जमानत लेकर आरोपित सतेंद्र उर्फ मोनू फरार हो गया था। उसे भगौड़ा घोषित किया गया है। एएसजे आरपी गोयल की अदालत ने सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान सतेंद्र उर्फ मोनू व उसके दोस्त हरीश को दोषी करार दिया था। साथ ही मोनू के पिता ओमप्रकाश व भाई सोनू को बरी कर दिया था।

मंगलवार को मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने हरीश को फांसी की सजा सुनाई है। मोनू को सजा गिरफ्तारी के बाद सुनाई जाएगी। हरीश को भादंसं की धारा 302 में फांसी की सजा दी है। धारा 307 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुमार्ना, 449 में आजीवन कारावास व 10 हजार रुपये जुमार्ना, शस्त्र अधिनियम में पांच साल कैद व 5 हजार रुपये जुमार्ना, एससीएसटी एक्ट में उम्रकैद व 10 हजार रुपये जुमार्ने की सजा सुनाई है।

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