खुशखबरी : कोटला झील की बदलेगी तस्वीर, सीएम मनाेहर लाल की हरी झंडी

खुशखबरी :  कोटला झील की बदलेगी तस्वीर, सीएम मनाेहर लाल की हरी झंडी
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नूंह जिले में कोटला झील के नाम से एक अरावली की पहाड़ी के साथ बड़ी झील है। यह झील करीब दो हजार एकड़ में बताई जाती है। लंबे समय से इसे विकसित करने की मांग चल रही थी, ताकि यहां एक बेहतर पर्यटन स्थल, मछली उत्पादन या फिर पेयजल व सिंचाई जैसी जरूरतों को पूरा किया जा सके

जिला उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने कहा कि नूंह जिले की तकदीर व तस्वीर बदलने वाली कोटला झील का विकास जल्द करा जाएगा। इसके विकास में जो अड़चन थी, वह अब दूर हो चुकी है। जल्द ही टेक्निकल कमेटी गठित कर इसके विस्तार पर काम शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर मेवात के विकास को लेकर गंभीर है। मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले इसके विस्तार को लेकर आदेश दिए हैं। जिस पर जिला प्रशासन गंभीरता से कार्य में जुटा हुआ है । संबंधित विभागीय अधिकारियों की बैठक बुलाकर उनसे विचार-विमर्श भी किया गया है। जल्द ही आगे की कार्रवाई शुरू की जाएगी।

नूंह जिले में कोटला झील के नाम से एक अरावली की पहाड़ी के साथ बड़ी झील है। यह झील करीब दो हजार एकड़ में बताई जाती है। लंबे समय से इसे विकसित करने की मांग चल रही थी, ताकि यहां एक बेहतर पर्यटन स्थल, मछली उत्पादन या फिर पेयजल व सिंचाई जैसी जरूरतों को पूरा किया जा सके। वर्तमान सरकार ने पहला कार्यभार संभालते ही योजना को आगे बढ़ाते हुए मुआवजा दिया और इसको करीब एक सौ आठ एकड़ में विकसित करने के लिए करोड़ों का मुआवजा किसानों को आवंटित किया।

108 एकड़ जमीन में से 77 एकड़ भूमि को खोदकर और गहरा झील बना दिया गया है। ये बांध ऊपर से इतना चौड़ा बनाया गया है कि इस पर आसानी से सडक़ बनाकर वाहनों का आवागमन हो सकता है तो बराबर में हट व बैच लगाकर झील का आनंद लिया जा सकता है। खास बात यह है कि यह झील ऐसी है जिसके ओवरफ्लो होने पर पानी को पंप हाउस के जरिये पलवल जिले से गुजरने वाली जमुना में डाला जा सकता है तो वहां से पानी को वापिस झील में लाया भी जा सकता है।

उपायुक्त ने बताया कि यह परियोजना जिले के जीवन रेखा से जुड़ी हुई है। झील विकसित होती है तो यहां पयर्टन स्थल, पेजयल, सिंचाई सहित मछली उत्पादन का बड़े स्तर पर काम हो सकता है। यहां जो रुकावट थी उसे दूर करा दिया गया है। जल्द ही एक तकनीकी कमेटी का गठन कर इसे कितना और किस तरह से बढ़ाया जा सकता है उस पर कार्यवाही की जाएगी। झील का विस्तार होने से वो जमीन भी काश्त हो सकेगी, जिस पर पानी भरा हुआ होता है।

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