40 साल पहले अलॉट हुए थे प्लाट, आज तक नहीं मिला कब्जा

40 साल पहले अलॉट हुए थे प्लाट, आज तक नहीं मिला कब्जा
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जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, वो मामले को लेकर कोर्ट में चले गए। कोर्ट में मामला विचारधीन होने के चलते 15 प्रतिशत राशि जमा नहीं करवाई और प्लॉटों पर कब्जा भी नहीं मिला। 40 साल बाद भी प्लाट धारकों को जमीन पर कब्जा नहीं मिला है।

हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी

प्लाट धारक संघर्ष समिति की बैठक पूर्व प्राचार्य देवेंद्र असीजा की अध्यक्षता में अग्रेसन धर्मशाला में हुई। बैठक में 1980-81 में नगर सुधार मंडल के माध्यम से रिहायशी स्कीम 1बी के तहत अलाट किए गए प्लाटों पर कब्जा नहीं मिलने पर रोष जताया गया।

समिति संयोजक रूपांश शर्मा ने बताया कि सरकार की योजना अनुसार बीपीएल परिवारों को रियायती दामों में प्लाट देना था। जिसके लिए महेंद्रगढ़ रोड पर जमीन का अधिग्रहण किया गया था। नगर सुधार मंडल ने प्लाटों की बोली लगाई गई थी। उस समय खरीददारों से 10 प्रतिशत राशि जमा करवाई गई और 15 प्रतिशत राशि एक महीने के अंदर जमा करवानी थी। बाकी 75 प्रतिशत राशि किस्तों में भरनी थी। इसके बाद जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई थी, वो मामले को लेकर कोर्ट में चले गए। कोर्ट में मामला विचारधीन होने के चलते 15 प्रतिशत राशि जमा नहीं करवाई और प्लॉटों पर कब्जा भी नहीं मिला। 40 साल बाद भी प्लाट धारकों को जमीन पर कब्जा नहीं मिला है।

उन्होंने बताया कि पिछले 40 साल से प्लाट धारक सरकार व अधिकारियों के चक्कर लगा रहे हैं, मगर सुनवाई नहीं हुई। उनको न तो जमा करवाई गई राशि मिली और न प्लॉट दिए गए। अब यह जमीन अब नगर परिषद के पास आ चुकी है तथा लगभग कानूनी अड़चनें भी दूर हो चुकी हैं। प्लाट धारकों ने कहा कि पिछली सरकारों के समक्ष भी गुहार लगाई थी, लेकिन आज तक प्लॉट नहीं अलाट किए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के संज्ञान में मामला लाया गया था तो उन्होंने तत्कालीन डीसी को प्लॉट धारकों को नियमानुसार प्लॉट देने के निर्देश दिए थे, परंतु अब तक प्लॉट अलाट नहीं दिए गए। प्लाट धारकों ने कहा कि वे जमीन की बकाया राशि भरने को तैयार हैं।

अवैध कब्जों की है भरमार

संरक्षक रामदयाल पाहवा ने बताया कि इस मामले में उपभोक्ता पिछले 40 साल से प्लॉट मिलने का इंतजार कर रहे हैं। इनमें से कुछ प्लॉट धारकों का निधन हो चुका है। इस जमीन पर वर्तमान में अवैध कब्जों की भरमार है, झुग्गी झोपडियां अवैध रूप से विकसित हो चुकी हैं। जगह जगह गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, लेकिन नगर परिषद प्रशासन का इस और कोई ध्यान नहीं है।

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