महंगाई : सब्जियों के दामोें ने बिगाड़ा रसोई का बजट, टमाटर और प्याज के दाम तीन से चार गुणा बढ़े

महंगाई : सब्जियों के दामोें ने बिगाड़ा रसोई का बजट, टमाटर और प्याज के दाम तीन से चार गुणा बढ़े
X
जिस तेजी के साथ टमाटर व प्याज के दाम बढ़े हैं, उससे रसोई का बजट कई गुणा बढ़ गया है। लोगों के सामने महंगाई की मार साफ दिखाई दे रही है। दामों की बढ़ोतरी के चलते लोग प्याज व टमाटर खरीदने से परहेज करने लगे हैं।

कुरुक्षेत्र : पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस के दामों में बढ़ोतरी के बाद से सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। सबसे ज्यादा टमाटर लोगों को रुलाने का काम कर रहा है। जो टमाटर तीन महीने पहले 20 रुपये प्रति किलो था, अब उसके दाम तीन से चार गुणा बढ गए हैं। टमाटर लाल होता देखकर उपभोक्ता टमाटर खरीदने से परहेज करने लगे हैं।

एक तरह से टमाटर रसोई से गायब होता जा रहा है। यही हाल प्याज का है। प्याज के दाम जो कुछ दिनों पहले 15 से 20 रुपये प्रति किलो थे। उसके दाम भी तीन गुणा तक पहुंच गए हैं। बढ़ रहे प्याज के दाम लोगों के आंसू निकालने का काम कर रहे हैं। जिस तेजी के साथ टमाटर व प्याज के दाम बढ़े हैं, उससे रसोई का बजट कई गुणा बढ़ गया है। लोगों के सामने महंगाई की मार साफ दिखाई दे रही है। दामों की बढ़ोतरी के चलते लोग प्याज व टमाटर खरीदने से परहेज करने लगे हैं। वहीं, शहर में डेंगू का प्रकोप बढ़ने से नारियल पानी का रेट भी बढ़ गए हैं। दस रुपये प्रति पीस महंगा हो गया है। शादियों का सीजन होने के कारण सब्जी और फल की मांग बढ़ गई है। रोजाना सब्जियों और फलों के दाम बढ़ रहे हैं, लेकिन प्रशासन लोगों को राहत देने में विफल साबित हो रहा है। सब्जियों के महंगे दाम लोगों की रसोई का बजट बिगाड़ रहा है।

सब्जी विक्रेता राजेश ने बताया कि सब्जियों के दाम कई गुणा बढ़ गए हैं। सब्जियों के दाम बढ़ने से उनकी दुकानदारी पर भी काफी असर पड़ा है। लोग बढ़ते दामों के बीच सब्जियां कम खरीद रहे हैं। वही गृहणी नीलम व रीना का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़ने से विशेषकर टमाटर और प्याज के दाम उन्हें रुलाने का काम कर रहे हैं। इससे रसोई चलाना मुश्किल हो चला है। सरकार को प्याज, टमाटर और अन्य सब्जियों के दामों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए। इन गृहणियों का कहना है कि महंगाई ने जीना मुहाल कर दिया है। रसाई गैस सिलेंडर के दाम तो हर महीने बढ़ जाता है। रसोई का खर्च चलाने के िलए घर के अन्य जरूरी मदों में कटौती करनी पड़ रही है।

Tags

Next Story