गेहूं का भुगतान तीन दिन में जारी करने का था वादा, दस दिन हो गए अभी तक नहीं आई रकम

गेहूं का भुगतान तीन दिन में जारी करने का था वादा, दस दिन हो गए अभी तक नहीं आई रकम
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गेहूं की खरीद प्रक्रिया बंद होने के बाद जिले की अनाज मंडियों में किसानों का पहुंचना लगभग बंद हो गया है। लेकिन अब भी काफी संख्या में किसानों की गेहूं की पेमेंट जारी नही हुई है। जिसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

हरिभूमि न्यूज : सोनीपत

जिले में गेहूं की कटाई खत्म हो चुकी हैं। लगभग सभी किसानों का गेहूं मंडियों में पहुंच चुका हैं। सरकार द्वारा किए वायदे को किसान मुंगेरी लाल के सपने दिखाना बता रहे हैं। गेहूं की फसल मंडी में जाने के दस दिन बाद भी उनके खाते में नकदी नहीं पहुंची हैं। जबकि प्रदेश सरकार के नुमाइंदों ने तीन दिन में खाते में नकदी डालने का वायदा किया था। मंडी में किसानों का गेहूं पहुंचना बंद हो चुका हैं। जिसके चलते मंडियों में गेहूं की खरीद बंद हो चुकी हैं। किसानों ने सरकार से जल्द उनकी फसल की राशि खाते में डालने की मांग की हैं।

बता दें कि जिले मेंं गेहूं की खरीद प्रक्रिया सरकार ने 1 अप्रैल से शुरू की थी। सरसों की खरीद के लिए सरकार द्वारा जहां सोनीपत अनाज मंडी में केन्द्र बनाया गया था, वहीं गेहूं की खरीद के लिए सोनीपत, गोहाना, खरखौदा, गन्नौर अनाज मंडी सहित 23 खरीद केन्द्र स्थापित किए गए थे। खरीद प्रक्रिया की जिम्मेदारी खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड और एफसीआई के साथ-साथ एचडब्ल्यूसी आदि खरीद एजैंसियों को सरकार द्वारा सौंपी गई थी। परन्तु अब सभी खरीद एजैंसियों ने गेहूं की खरीद प्रक्रिया को बंद कर दिया है। वहीं इस बार सरसों की खरीद सरकारी एजेंसियों द्वारा नही की गई, क्योंकि ओपन मार्केट में किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से ज्यादा भाव मिल रहा था।

हैफेड ने करीब 55 प्रतिशत गेहूं की ही जारी की है पेमेंट

वहीं खाद्य एंव आपूर्ति विभाग ने 7 हजार 365 किसानों का गेहूं खरीदा है। अब तक विभाग की तरफ से करीब 128.93 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है, जोकि कुछ किए जाने वाले भुगतान का 75 प्रतिशत है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग को अब भी करीब 42.79 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को करना है। इसी तरह से एचडब्ल्यूसी ने 3331 किसानों से गेहूं की खरीद की थी और 82.3 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। जोकि कुल भुगतान का 83 प्रतिशत है। हैफेड की बात करे तो हैफेड ने 16 हजार 522 किसानों से गेहूं खरीदा और 162.60 करोड़ रुपए का भुगतान किया है। जबकि हैफेड को अभी भी किसानों का 133.49 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। एफसीआई को भी किसानों को करोड़ों रुपए की पेमेंट करनी है। ऐसे में समय पर पेमेंट जारी न होने से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है।

किसानों का आना भी अब बंद हो गया

सरकार द्वारा मंडियों में गेहूं की खरीद बंद कर दी है। गेट पास न कटने के कारण मंडियों में किसानों का आना भी अब बंद हो गया है। हालांकि किसानों की पेमेंट जारी न होने से कई किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उठान प्रक्रिया ठीक चल रही है। जल्दी ही मंडी खाली हो जाएगी। - संजय वर्मा, चेयरमैन, आढ़ती एसोसिएशन सोनीपत।

अभी पूरी गेहूं की पेमेंट जारी नही हुई

किसानों के उनके व अन्य आढ़तियों के पास फोन आ रहे हैं। परन्तु खरीद प्रक्रिया बंद होने के कारण किसान मंडी में गेहूं लेकर नही पहुंच रहे हैं। खरखौदा मंडी में गेहूं बेचने वाले काफी किसानों की अभी पूरी गेहूं की पेमेंट जारी नही हुई है। सरकार से मांग है कि जल्द से जल्द गेहूं की पेमेंट जारी की जाए, ताकि किसानों को परेशानी न हो।

नरेश दहिया, प्रधान, खरखौदा अनाज मंडी।

अब तक करीब 75 प्रतिशत पेमेंट जारी की जा चुकी

गेहूं की खरीद प्रक्रिया को बंद कर दिया गया है। उठान में तेजी लाई जा रही है, ताकि जल्द से जल्द मंडियां खोली हो सके। विभाग की तरफ से किसानों को पेमेंट भी जारी की जा रही है। अब तक करीब 75 प्रतिशत पेमेंट जारी की जा चुकी है। जल्द ही शेष बची हुई पेमेंट भी जारी कर दी जाएगी। किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न झेलनी पड़े, इसके लिए विभाग लगातार कारगर कदम उठा रहा है। - सुरेन्द्र अरोड़ा, डीएफएसई, सोनीपत।


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