बेटियों की गूंजी किलकारियां : प्रदेश में रोहतक जिला लिंगानुपात में रहा अव्वल

हरिभूमि न्यूज : रोहतक
प्रदेश में रोहतक जिला लिंगानुपात में अव्वल रहा है। जनवरी से जून के आंकड़े के अनुसार जिले में 9603 बच्चों ने जन्म लिया। इनमें लडक़ों की संख्या 4895 रही, जबकि लड़कियों की संख्या 4708 है।
इस प्रकार रोहतक का लिंगानुपात 962 है यानी 1000 लड़कों पर 962 लड़कियों ने जन्म लिया है। प्रशासन का कहना है कि लिंगानुपात में सुधार लाने के लिए निरंतर प्रयास जारी है। प्रशासन ने लिंगानुपात में सुधार के लिए स्वास्थ्य, पुलिस, महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ-साथ ग्राम पंचायतों, सामाजिक संस्थाओं को दिया है।कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गर्भधारण के प्रत्येक मामले को शुरुआती दिन से ट्रैक करने का निर्देश दिया जा चुका है। अनुपात को लेकर सरकार का विशेष फोकस है। वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरियाणा से ही बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ मुहिम की शुरुआत की थी। इसके बाद से लगातार लिंगानुपात में सुधार हो रहा है। उन्होंने कहा कि लिंगानुपात में निरंतर सुधार में स्वास्थ्य विभाग, पुलिस प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ प्रदेश सरकार की प्रोत्साहन योजनाएं भी कारगर सिद्ध हुई है। राज्य सरकार ने महिलाओं व बेटियों के लिए अनेक योजनाओं को क्रियान्वित किया है।
गर्भवती महिलाओं पर रखी गई निगरानी : महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा लगातार गर्भवती महिलाओं पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। हर माह यह देखा जाता है कि कितनी महिलाओं ने गर्भपात करवाया है और इसका क्या कारण रहा है। विशेष तौर पर 4 माह की गर्भवती महिलाओं पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि गुप्त सूचनाओं के आधार पर छापेमारी का कार्य भी किया जा रहा।
अपराधिकयों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लाई जा रही : अनाधिकृत अल्ट्रासाउंड केंद्रों व अल्ट्रासाउंड स्कैनिंग संस्थाओं पर छापे मारकर अपराधियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके लिंग निर्धारण भ्रूण हत्या के घृषित कार्य में लगे अपराधियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जा रही है। -बिमलेश कुमारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी
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