महम में यात्रियों के लिए नहीं मूलभूत सुविधाएं, कच्चा पड़ा है रेलवे स्टेशन का रास्ता

महम में यात्रियों के लिए नहीं मूलभूत सुविधाएं, कच्चा पड़ा है रेलवे स्टेशन का रास्ता
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रेलवे लाइन के उद्घाटन से पहले यहां ये तैयारियां पूरी नहीं की गई तो महम के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अब तक रेलवे स्टेशन का पहुंच मार्ग ही कच्चा पड़ा है।

राजकुमार नरवाल.महम। रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन पर रेलवे विभाग द्वारा रेलगाड़ियां दौड़ाने की तैयारी चल रही है। इस रेलमार्ग पर रेलवे विभाग द्वारा ट्रायल भी किया गया है। महम रेलवे स्टेशन पर कर्मचारियों की तैनाती कर दी गई है। यहां प्रदीप कुमार को स्टेशन मास्टर लगाया गया है। रेलवे ने सिग्नल लाइन टेलिकॉम विंग में संदीप कुमार समेत दो लोगों को जिम्मेवारी सौंप दी है। लाल व हरी झंडी दिखाने के लिए प्वांइटस मैन नियुक्त कर दिए हैं। लाइन पर 9 की मैन लगाए गए हैं। प्रत्येक आठ किलोमीटर पर एक की मैन को नियुक्त किया जाना है। करीब 20 ट्रैक मैन शीघ्र ही यहां तैनात कर दिए जाएंगे।

रेलवे विभाग के उच्च अधिकारियों की एक बड़ी टीम इस ट्रैक का निरीक्षण कर चुकी है। कुछ दिन के अंतराल में ही यहां पर रेलवे विभाग के अधिकारी ईंजन अथवा रेलगाड़ी लेकर पहुंच रहे हैं। निर्माण सामग्री लेकर तो लगभग हर रोज ही एक गाड़ी यहां इस ट्रैक पर छूकछूक करते निकलती ही रहती है। जिस तरह से तैयारियां चल रही हैं, उससे लगता है कि आने वाले कुछ महीनों में ही यहां पर यात्री गाड़ियों का संचालन शुरू हो जाएगा। मगर महम के रेलवे स्टेशन की बात करें, तो यहां कस्बा लेवल के इस रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के लिए मूलभूत सुविधाओं का पूर्ण अभाव है।

यदि रेलवे लाइन के उद्घाटन से पहले यहां ये तैयारियां पूरी नहीं की गई तो महम के यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अब तक रेलवे स्टेशन का पहुंच मार्ग ही कच्चा पड़ा है। इस कच्चे मार्ग पर गहरे गड्ढे हैं। थोड़ी सी बारिश में ही यहां पर यात्री और वाहन कीचड़ में फंस सकते हैं। रेलवे विभाग ने रेलवे लाइन के साथ तो सड़क का निर्माण कर दिया है। लेकिन रेलवे स्टेशन से दिल्ली हिसार राष्ट्रीय राजमार्ग तक पहुंचने के लिए एक किलोमीटर का पहुंच मार्ग कच्चा पड़ा है। इसके अलावा पक्की सड़क तक पहुंचने के लिए यात्रियों के पास कोई विकल्प नहीं है। रेलवे विभाग का कहना है कि यह प्रदेश सरकार का मसला है।

यह सड़क राज्य सरकार के पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाई जानी है। यात्रियों की यह भी मांग है कि बीपीएस स्कूल के सामने से एक कच्चा मार्ग है, जो हाइवे तक पहुंचने के लिए छोटा रास्ता होगा। यदि वह पक्का करवा दिए जाए तो और भी सुविधाजनक रहेगा। लेकिन अब तक दोनों ही रास्ते कच्चे पड़े हैं और वहां से पैदल निकलना भी मुश्किल काम है।

अभी तक नहीं बनाए गए सार्वजनिक शौचालय

अब तक महम रेलवे स्टेशन पर सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाए गए हैं। बल्कि कस्बा स्तर के इस रेलवे स्टेशन पर महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग अलग शौचालय की सुविधा होनी चाहिए। केवल कर्मचारियों के लिए ही टॉयलेट बनाए गए हैं। यहां पर अब तक पेयजल की भी सुविधा नहीं है। यहां कार्यरत स्टाफ सदस्यों और ठेकेदार के कर्मचारियों के लिए पानी का टैंकर मंगवाया जाता है। उस पानी को रेलवे स्टेशन की छत पर रखी टंकी में चढ़ाया जाता है। हालांकि यहां पर एक पेयजल के लिए बुस्टिंग स्टेशन की तैयारी की जा रही है। मगर जहां पर सबमर्सिबल या ट्यूबवैल लगाया जाएगा, वहां पर भूमिगत जल बहुत ही खारा है, जो पीने लायक नहीं है। खारे पानी की व्यवस्था का प्रयास बिल्कुल ही व्यर्थ है। यहां अब तक जनस्वास्थ्य विभाग द्वारा भी पेयजल आपूर्ति के कनेक्शन नहीं किए गए हैं। महम के रेलवे स्टेशन के पास ही रिहायशी क्वार्टर भी बनाए गए हैं। यहां के लिए भी खारे पानी की व्यवस्था की जानी है। रेलवे के 28 परिवारों के लिए नहरी या मीठे पानी की आपूर्ति जरूरी है। लेकिन अभी तक इसके लिए रेलवे द्वारा किसी तरह के प्रयास नहीं किए गए हैं। यात्रियों व कर्मचारियों के जलपान के लिए कैंटीन की भी व्यवस्था नहीं की गई है। न अब तक यहां पर चौकीदार नियुक्त किया गया है और न ही सफाई कर्मचारी लगाया गया है। दोनों ही कर्मचारियों की नियुक्ति किया जाना बहुत जरूरी है।

शैड की छत से टपकता है पानी

रोहतक वाया महम हांसी रेलवे लाइन पर अभी यात्री गाड़ियों का संचालन शुरू नहीं हुआ है। लेकिन गाड़ियां चलने से पहले ही महम रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म के ऊपर यात्रियों के लिए बनाए गए लोहे के शैड की छत अभी से टपकनी शुरू हो गई है। प्लेटफार्म के ऊपर बनाई गई शैड के नीचे से छिद्रों में से आसमान दिखाई दे रहा है। जब बारिश होती है तो इस शैड में से पानी टपकता है। प्लेटफार्म पर बनी यह शैड अभी से जंग खा चुकी है। चर्चा यह भी है कि ठेकेदार ने कहीं से पुरानी शैड उखाड़कर यहां लगा दी है। जिस वजह से यह अभी से टूट गई है।

यात्रियों के लिए नहीं वेटिंग हॉल

महम के रेलवे स्टेशन पर यात्रियों के बैठने के लिए वेटिंग हॉल नहीं बनाया गया है। रेलवे स्टेशन के प्रवेश मार्ग के दोनों तरफ कुछ यात्रियों के बैठने के लिए सीट बनाई गई हैं, जो क्षेत्र की जनसंख्या और यात्रियों के अनुमान को देखते हुए अपर्याप्त हैं। यदि कोई ट्रेन लेट हो जाती है, छूट जाती है या मिस हो जाती है, तो यात्रियों को लंबा इंतजार करना पड़ सकता है और बारिश या सर्दी के मौसम में बहुत बड़ी समस्या हो सकती है।

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