Haryana में एक ऐसी जगह है जहांं शराबी मौज कर रहे है, जाने कैसें

अजमेर गोयत, महम
महम में शराब के ठेकेदारों के बीच हो रहे कंपीटीशन (Competition) के कारण शराबियों की बल्ले बल्ले हो गई है। सुबह से शराब के ठेकों पर भारी लाइन देखने को मिल रही हैं। शराब के ठेकों पर बोतलों के रेटों में पहले की बजाए भारी छूट दी गई है। पियक्कड़ों को इस बात का पता चलते ही बड़ी संख्या में बोतलें खरीदनी शुरू कर दी हैं। पहले जहां देशी शराब की बोतल का रेट 150 से 200 रूपए प्रति बोतल रहा है। वहीं अब इसका रेट 70 से 80 रूपए कर दिया गया है।
इसके साथ साथ अंग्रेजी शराब के रेटों में भी भारी छूट (concession) कर दी गई है। नए बस स्टैंड पर स्थित शराब के ठेकेदार ने बताया कि अंग्रेजी वाइन पहले जो 800 रूपए में बिकती थी वह अब 600 रूपए की कर दी गई है। जो 550 में बिक रही थी वह 400 रूपए में बेची जा रही है। जो 450 रूपए की बोतल थी वह 350 रूपए की दी जा रही है। इसी प्रकार बीयर की बाेतल भी जो 150 रूपए में बिकती थी वह 100 रूपए में दी जा रही है। इसी प्रकार देशी शराब का अध्धा 40 व पव्वा 20 रूपए का बेचा जा रहा है।
बोतल के साथ सलाद भी फ्री
शराब के ठेकों पर बिक्री बढ़ाने के लिए नए नए पैंतरे अपनाए जा रहे हैं। जहां बार बार रेट कम किए जा रहे हैं वहीं एक शराब के ठेके पर शराब की बोतल के साथ पानी की बोतल व सलाद फ्री में दिया जा रहा है। इतना ही नहीं अगर शराब पीने वाले को वहां पर बैठकर पीनी है तो इसके लिए भी विशेष प्रबंध किया गया है। शराब ठेकेदारों की ओर से ग्राहक को लुभाने के लिए अलग अलग तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं।
एक ही शहर में कई ठेकेदार होने से बढ़ा कंपीटीशन
एक शराब ठेकेदार ने बताया कि पहले महम शहर में एक ही ठेकेदार होता था। जो अपनी ब्रांच खोलता था। लेकिन अबकी बार सरकार द्वारा अपनाई गई निती के अनुसार अलग अलग ठेकेदार हैं जो अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए बोतलों के रेट में छूट दे रहे हैं। सबसे पहले एक ठेके पर ऐसा किया गया उसके बाद सभी तक यह बात पहुंच गई तथा सभी ने अपने रेटों में भरी फेर बदलकर दिया।
गावों भी पड़ेगा असर
जानकारों के अनुसार सरकार द्वारा बनाई गई नीति के अनुसार हर गांव में अलग अलग ठेके को मंजूरी दी गई है।नियम के अनुसार एक व्यक्ति 6 बोतल कहीं भी ले जा सकता है। ऐसे में आस पास के गांव में शराब पीने वाले लोग भी महम शहर से आकर शराब ले जाने लगे हैं। जिसके कारण कुछ गांव के ठेकों पर भी रेट में छूट दी जाने लगी है। अगर इसी तरह रहा तो एक दो दिन में सभी गांवों में शराब सस्ती हो जाएगी।
कोरोना महामारी में बढ़ी शराब की बिक्री
शराब के ठेकेदार ने बताया कि पहले की अपेक्षा कोरोना महामारी आने के बाद शराब की बिक्री में काफी तेजी देखने को मिल रही है। कुछ शराबी इसका सेवन करने को कोरोना भगाने की संज्ञा भी देते देखे गए हैं। इतना ही नहीं कुछ लोग इसको सैनीटाइजर की जगह भी प्रयोग कर रहे हैं । एक देशी शराब की बोतल जो 80 रूपए की मिल रही है। उसी के मुकाबले की अगर सैनीटाइजर की बोतल खरीदी जाए तो वह महंगी पड़ती है। लोगों का मानना है कि दोनो में अल्कोहल होता है जिससे सैनीटाइज किया जा सकता है। हालांकी जानकारों का कहना है कि सेनिटाइजर में अल्कोहल ज्यादा मात्रा में होता है। शराब से पूरी तरह सेसेनिटाइजर नहीं किया जा सकता।
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