32 लाख में हुई थी सौदेबाजी : युवती को थमा दिया कनाड़ा का फर्जी वर्क वीजा

हरिभूमि न्यूज : अंबाला
धोखाधड़ी की वारदातें रुकने का नाम नहीं ले रही हैं। पुलिस ने दो नए मामले दर्ज किए। एक मामला ऑनलाइन ठगी से जुड़ा है जिसमें एक किसान को चार लाख रुपये से ज्यादा का चूना लगाया। दूसरा मामला कबूतरबाजी से जुड़ा है। पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है। जल्द ही आरोपियों को काबू करने की बात कही जा रही है।
नारायणगढ़ के गांव गणेशपुर के रहने वाले परमजीत सिंह ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपनी बेटी महक मंजीत कौर को वर्क वीजा पर कनाड़ा भेजना चाहता था। उसकी मुलाकात करनाल के निसिंग वासी जगजीत सिंह से हुई। उसके साथ राकेश कुमार उर्फ डाक्टर भी था। आरोपियों ने उनकी बेटी का वर्क वीजा लगवाने के लिए 32 लाख रूपये मांगे थे। मामला तय होने के बाद उसने 19 जून 2020 को आरोपी जगजीत सिंह के खाते में 70000 रुपये व फिर 70000, 57000 व 1.60 लाख रुपये जमा करवाए थे। आरोपी परमजीत सिंह के खाते में कुल 357000 रुपये जमा करवाए गए। इसके अलावा 10 लाख रुपये नकद दिए थे। तब आरोपियों ने उसकी बेटी का कतर का वीजा लगवाया और 13 अक्तूबर 2019 को दिल्ली एयरपोर्ट पर ले गए। इसके बाद आरोपियों ने वहां जाकर कनाड़ा का फर्जी वर्क वीजा थमा दिया। इसी वजह से उसकी बेटी वापिस लौट आई। आरोपियों ने पासपोर्ट देने के नाम पर भी उससे 70000 रुपये ले लिया जोकि जगजीत सिंह के खाते में डाले गए थे। वर्क वीजा न लग पाने की वजह से जब उसने आरोपियों से अपने पैसे वापस मांगे तो वे टालमटौल करने लगे। अब उसे जान से मारने की धमकियां दी जा रही हैं। आरोपियों ने उसके साथ 1357000 रुपये की ठगी की है।
खाते से निकाले 4.82 लाख
साहा के रहने वाले किसान कमलदीप सिंह के साथ भी ऑनलाइन ठगी हो गई। किसी ने उसके खाते से 4,82000 रुपये साफ कर दिए। उसने बताया कि नेट बैंकिंग बंद करने के लिए उसकी पत्नी ने गुगल से कस्टमर केयर का नंबर लिया था। जब उसने बात की तो बातचीत करने वाले ने खाते की पूरी जानकारी लेने के बाद 4,82000 रूपये साफ कर दिए। कमलदीप सिंह ने बताया कि इसके बाद उन्होंने आरोपी से कई बार बातचीत करने का प्रयास किया लेकिन अब वह कॉल रिसीव नहीं कर रहा है। परिवादी के अनुसार जिस नंबर पर बात हुई थी वह पश्चिमी बंगाल का बताया जा रहा है। पुलिस ने मामले की जांच कर रही है।
रोज दर्ज हो रहे हैं केस
ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए पुलिस नागरिकों को लगातार जागरूक कर रही है। इसके बावजूद लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं। इसी वजह से पुलिस दस्तावेजों में औसतन रोज दो केस दर्ज हो रहे हैं। पुलिस अधीक्षक जश्नदीप सिंह रंधावा कई बार लोगों से यह आग्रह कर चुके हैं कि वे ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए अनजान लोगों की काल न रिसीव करें। किसी को भी अपने खाते व बैंक से जुड़ी डिटेल न दें। कॉल करने वाले द्वारा मांगें जाने पर कोई ओटीपी न दें। तभी ठगी से बचा जा सकता है। मगर इसके बावजूद लोग अनजान लोगों से बातचीत कर ठगी का शिकार हो रहे हैं।
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