महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत एक्शन होगा, थानों में महिला हेल्प डेस्क बनेंगे

महिलाओं की शिकायतों पर तुरंत एक्शन होगा, थानों में महिला हेल्प डेस्क बनेंगे
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महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने यह कदम उठाए हैं। प्रथम चरण में शहरी क्षेत्र के नौ थानों में डेस्क शुरू किए जाएंंगे। जिसके बाद अन्य थानों में भी डेस्क बनेंगे। हर डेस्क पर करीबन एक लाख का खर्च आएगा। विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। दिसम्बर माह में ही काम पूरा होने की सम्भावनाएं हैं।

विजय अहलावत : रोहतक

पुलिस थानों में अपनी शिकायत दर्ज कराने के लिए महिलाओं को संकोच करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। महिलाओं की मदद के लिए जिला के प्रत्येक थाने में एक महिला हेल्प डेस्क खोले जाएंगे। जिसके बाद महिलाएं थाने में अपनी समस्या को खुल कर कह सकेंगी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए पुलिस ने यह कदम उठाए हैं। प्रथम चरण में शहरी क्षेत्र के नौ थानों में डेस्क शुरू किए जाएंंगे। जिसके बाद अन्य थानों में भी डेस्क बनेंगे। हर डेस्क पर करीबन एक लाख का खर्च आएगा। विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। दिसम्बर माह में ही काम पूरा होने की सम्भावनाएं हैं।

मामले के अनुसार, राज्य सरकार ने महिलाओं के साथ हो रहे अपराध के मामलों में तत्परता से कार्रवाई की तैयारी की है। थानों में बनाई जाने वाली हेल्‍प डेस्‍क पर महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी। डेस्‍क पर तैनात महिला पुलिस कर्मी शिकायतों को सुनने के साथ किसी भी वक्‍त महिलाओं की मदद के लिए तैयार रहेंगी। हर थाने में एक महिला डेस्क के लिए अलग रूम दिया जाएगा। महिला पुलिस कर्मी के लिए कम्प्यूटर, स्कूटी, फर्नीचर, स्टेशनरी की उचित व्यवस्था होगी। डेस्क के माध्यम से महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ आ रही हिंसा और यौन उत्पीड़न की शिकायतों की गंभीरता को लिया जाएगा।

सुविधाओं से लैस होंगे

महिला डेस्क के लिए अलग से फर्नीचर खरीदे जाएंगे। महिला हेल्प डेस्क के अंतर्गत रिसेप्शन रूम बनाया जाएगा। जिसको शीशे से कवर्ड किया जाएगा। यहां पर एक महिला कर्मी की तैनाती रहेगी, जो थाने में आने वाली महिलाओं की बात सुनेगी और उसे कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाएगी। डेस्क को थानों के कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा। यहां पर आने वाली सभी शिकायतों को कंप्यूटर में फीड किया जाएगा। इसकी समीक्षा प्रतिदिन वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। महिलाएं समय समय पर अपने मामलों में होने वाली कार्रवाई की भी जानकारी ले सकेंगी।

आमतौर पर महिला अपनी किसी फरियाद को लेकर थाने में जाती है तो उसे अपनी बात कहने के लिए उपयुक्त माहौल नहीं मिल पाता था। पुरुष पुलिस कर्मियों की मौजूदगी के चलते महिला अपनी बात रखने में संकोच रखती थी। कई बार थानों में अलग से ऐसा कोई रूम नहीं मिल पाता, जहां पीड़िता अपनी बात रख सके। इससे उसका केस प्रभावित होता था। ऐेसी व्यवस्था को बदलने के लिए बड़े स्तर पर बदलाव किया जा रहा है।

थानाें में पहले से तैनात है महिला स्टाफ

पुलिस थानों में महिलाओं से सम्बंधित अपराध को देखते हुए अलग से महिला स्टाफ लगाया गया है। दिन के अलावा रात के समय भी महिला कर्मचारियों की क्यूटी लगाई जाती हैं। किसी क्षेत्र में महिलाओं के साथ अपराध होने पर महिला स्टाफ को पुलिस के साथ भेजा जाता है। किसी वारदात के संदर्भ में गिरफ्तारी करने की जिम्मेदारी भी महिला स्टाफ के पास रहती है। इसके अलावा जिला में एक महिला थाना अलग से काम कर रहा है।

वरिष्ठ अिधकारी करेंगे निगरानी

महिला अपराधों पर लगाम लगाने के लिए शुरू किए जा रहे हेल्प डेस्क पर वरिष्ठ अिधकारी नजर रखेंगे। हेल्प डेस्क पर तैनात महिला कर्मचािरयों को वरिष्ठ अिधकािरयों द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, ताकि वह शिकायतों का सही से निपटारा कर सके।

अब आसानी से शिकायत दर्ज करवा सकेगी महिलाएं

जिला के पुलिस थानों में अलग से महिला हेल्प डेस्क बनाए जाएंगे। शुरूआत में शहरी क्षेत्र के थानों में काम शुरू किया गया है। डेस्क पर महिला पुलिस कर्मचारी मौजूद रहेंगी। इस दौरान कोई महिला शिकायत दर्ज कराने आती है तो उसे असहज महसूस नहीं होगा और वह अपनी बात आसानी से महिला कर्मचारी के सामने रख सकेंगी। इसके लिए पूरी तैयारी कर ली गई हैं। जल्द ही इसकी शुरूआत की जाएगी। -राहुल शर्मा, एसपी रोहतक

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