गर्मियों में नहीं होगी पानी की किल्लत : 120 करोड़ रुपये से बना HSVP का रैनीवेल प्रोजेक्ट जल्द होगा शुरू

गर्मियों में नहीं होगी पानी की किल्लत : 120 करोड़ रुपये से बना HSVP का रैनीवेल प्रोजेक्ट जल्द होगा शुरू
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कुमासपुर गांव में पेयजल लाइन बिछाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट में देरी होती गई। 300 मीटर के इस क्षेत्र में किसान पाइप लाइन बिछाने का विरोध कर रहे थे और अदालत की शरण में चले गए थे। इसके बाद अदालत ने एचएसवीपी के पक्ष में कुछ दिशा-निर्देशों के तहत फैसला सुनाया। जिसके बाद एचएसीवीपी ने यहां पर काम शुरू कर दिया है।

दीपक वर्मा. सोनीपत

इस बार की गर्मियों में पानी की किल्लत सोनीपत शहर के लोगों को परेशान नहीं करेगी। गर्मियां शुरू होने तक हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HSVP) अपना रैनीवेल प्रोजेक्ट शुरू कर चुका होगा। यूं तो 120 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट को सालों पहले पूरा हो जाना चाहिये था, लेकिन कुमासपुर गांव में पेयजल लाइन बिछाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया था, जिसकी वजह से प्रोजेक्ट में देरी होती गई। 300 मीटर के इस क्षेत्र में किसान पाइप लाइन बिछाने का विरोध कर रहे थे और अदालत की शरण में चले गए थे। इसके बाद अदालत ने एचएसवीपी के पक्ष में कुछ दिशा-निर्देशों के तहत फैसला सुनाया। जिसके बाद एचएसीवीपी ने यहां पर काम शुरू कर दिया है।

हालांकि इसके बाद एचएसवीपी की आर्थिक तंगी भी प्रोजेक्ट में बीच-बीच में रोड़ा अटकाती रही। हालांकि अब अधिकारी पूरी तरह से आश्वास्त हैं कि अगर आर्थिक तंगी या कोई और समस्या नहीं हुई तो तीन माह के अंदर-अंदर प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और आधे शहर को यमुना का पानी मिलना शुरू हो जाएगा। एचएसवीपी के इस रैनीवेल परियोजना से 10 सेक्टर और निजी बिल्डर्स में रहने वाले लाखों लोगों को भरपूर पानी मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि लगभग 3 माह में यह कार्य पूरा हो जाएगा और पेयजल सप्लाई भी शुरू हो जाएगी।

क्या है रैनीवेल प्रोजेक्ट

42 करोड़ रुपये का खर्चा कर एचएसवीपी ने नांदनौर में रैनीवेल प्रोजेक्ट शुरू किया है। यहां पर यमुना की गोद में 3 कुएं बनाए गए हैं, प्रत्येक कुआं 10 मिलीयन लीटर प्रतिदिन पानी निकालने की क्षमता का है। इन कुओं से मोटरों के जरिये पानी निकाल कर पाइपलाइन के जरिये एचएसवीपी अपने सेक्टर्स में ले जाएगा। पानी को एचएसवीपी के सेक्टर्स तक ले जाने के लिये ट्रांसमिशन लाइन पर एचएसीवीपी ने लगभग 78 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। इस तरह से 120 करोड़ इस प्रोजेक्ट पर खर्च किए जा रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत शहर के सेक्टर 7, 8, 9, 12, 13, 14, 15, 17, 18, 19 और निजी बिल्डर्स की सोसायटी में रहने वाले लोगों तक पानी पहुंचाया जाना है।

23 ट्यूबवेल हैं अभी, बंद कर दिए जाएंगे

मौजूदा समय में एचसवीपी के पास सोनीपत शहर में कुल 23 ट्यूबवेल हैं, जोकि रेनीवैल प्रोजेक्ट शुरू होने के बाद बंद कर दिए जाएंगें। जहां से शहर भर में एचएसीवीपी के सेक्टर्स एवं अन्य निजी बिल्डर्स जिन्हें एचएसवीपी ने ही जमीन बेची थी, उन जगहों पर पानी पहुंचाया जा रहा है। लगातार जमीन से पानी दोहन होने के चलते ग्राउंड वॉटर का लेवल कम हो रहा है और इसके अलावा जमीनी पानी की गुणवत्ता भी काफी खराब हो रही है। इसी वजह से रैनीवेल प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। क्योंकि नांदनौर में यमुना की तलहटी में कुएं बनवाए गए हैं। इसीलिये जमीनी पानी का लेवल भी काफी अच्छा है और यमुना के पानी की गुणवत्ता भी अच्छी है। वैसे भी हर साल यमुना में बाढ़ के हालात बन जाते हैं, जिससे वहां का ग्राउंड वॉटर लेवल रिचार्ज हो जाता है। इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से शहर में भी ग्राउंड वॉटर लेवल का सुधार होगा।

अब बस इसी बात का है डर

एचएसवीपी रैनीवेल प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये काफी समय से प्रयासरत है। लेकिन अधिकारियों को केवल आर्थिक तंगी का डर सता रहा है। विभागीय सूत्रों का कहना है कि एचएसवीपी मौजूदा समय में काफी कर्ज में चल रहा है। इसी वजह से आए दिन खर्च कम करने के लिये आधिकारिक संदेश मिलते हैं। पिछले कुछ समय से सोनीपत कार्यालय का बिजली का बिल भी नहीं भरा गया है, वहीं अधिकारियों-कर्मचारियों को तनख्वाह ना मिलने का भी डर सताने लगता है। ऐसे में अगर आर्थिक तंगी की वजह से रैनीवेल का प्रोजेक्ट रूक सकता है। सूत्रों की मानें तो प्रोजेक्ट पर काम कर रहे एक ठेकेदार के लगभग 2.5 करोड़ रुपये की पेयमेंट नहीं हुई, इसके बावजूद अधिकारी किसी ना किसी तरह से काम करवा रहे हैं।

रैनीवेल प्रोजेक्ट का काम चल रहा है। उम्मीद है कि 3 माह में प्रोजेक्ट पूरा कर पेयजल सप्लाई शुरू हो जाएगी। विभागीय स्तर पर आर्थिक तंगी तो है, इसके बावजूद लोगों की सुविधा के लिये काम करवाया जा रहा है। पवन कुमार, एक्सईएन, एचएसवीपी, सोनीपत


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