अब कुरुक्षेत्र में होंगे श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप के दर्शन, मोहन भागवत और सीएम मनोहर करेंगे लोकार्पण, जानिए प्रतिमा की खासियत

हरिभूमि न्यूज : कुरुक्षेत्र
कुरुक्षेत्र के उपायुक्त मुकुल कुमार ने बताया कि विश्व प्रसिद्ध गीता स्थली ज्योतिसर में भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को स्थापित कर दिया गया है। इस विराट स्वरूप के लोकार्पण की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। इस विराट स्वरूप का लोकार्पण 30 जून को सुबह 11 बजे आरएसएस के सरसंघचालक डा. मोहन भागवत और मुख्यमंत्री मनोहर लाल करेंगे। इस कार्यक्रम के बाद गीता ज्ञानम संस्थानम केन्द्र में सुबह करीब 11 बजकर 30 मिनट पर भगवद गीता की वर्तमान प्रासंगिकता विषय पर आयोजित सेमिनार कार्यक्रम में भी भाग लेंगे। उपायुक्त मुकुल कुमार मंगलवार को गांव ज्योतिसर में तीर्थ स्थली पर चल रही अंतिम तैयारियों का जायजा लेने के उपरांत अधिकारियों को कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश दे रहे थे। उन्होंने कहा कि ज्योतिसर में सबसे पहले वट वृक्ष की पूजा की जाएगी और इस वृक्ष की परिक्रमा करने के उपरांत तीर्थ का अवलोकन और बाद में करीब 10 करोड रुपए की लागत से निर्मित भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप का अनावरण किया जाएगा। इस कार्यक्रम को लेकर लगभग सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है।
विशाल स्वरूप की कीमत करीब 10 करोड़
विश्व को कर्म का संदेश देने वाली गीता जी की जन्मस्थली ज्योतिसर में स्थापित किए गए इस विशाल स्वरूप की कीमत करीब 10 करोड़ है। भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप को उत्तर प्रदेश के नोएडा ( Noida ) से ट्रक ट्रालों की मदद से लाया गया था। इस विशालकाय विराट स्वरूप के केवल चेहरे का वजन 6 टन से ज्यादा है। प्रतिमा के भारी भरकम हिस्सों को क्रेन की मदद से एक दूसरे के ऊपर जोड़ा गया। यह प्रतिमा विश्व विख्यात मूर्तिकार राम सुतार और उनके पुत्र अनिल सुतार ने 80 कारीगरों की मदद से एक साल में तैयार की है। करीब 35 टन के विराट स्वरूप में 9 चेहरे हैं, इनमें योगेश्वर कृष्ण के अलावा श्री गणेश, ब्रह्मा जी, शिव, भगवान विष्णु का नरसिंह रूप, हनुमान जी, भगवान परशुराम, एग्रीव और अग्नि देव और पांवों से लेकर मूर्ति से लिपटे सिर के ऊपर छांव करते शेषनाग के दर्शन हो रहे हैं।
80 कारीगरों ने एक साल में तैयार किया विराट स्वरूप
पूर्ण विराट स्वरूप की ऊंचाई 40 फीट से ज्यादा है, जो 10 फुट ऊंचे प्लेटफार्म पर स्थापित किया गया है। विराट स्वरूप चार धातुओं से मिलकर बना है, जबकि 85 प्रतिशत तांबा और 15 प्रतिशत अन्य तीन धातुओं का इस्तेमाल हुआ है। इस मूर्ति को नोएडा स्थित वर्कशाप में करीब एक वर्ष में 80 कारीगरों की मदद से तैयार किया गया है।
प्रोजेक्ट को मुख्यमंत्री ने वर्ष 2017 में दी थी हरी झंडी
श्रीकृष्ण भगवान ने महाभारत में ज्योतिसर की धरती पर अर्जुन को गीता का संदेश दिया था। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने कृष्णा सर्किट के अंतर्गत स्थल को पर्यटन की नजर से नए रुप में स्थापित करने का फैसला लिया था। श्री कृष्ण का विराट स्वरूप लगाने का फैसला वर्ष 2006 में लिया गया था और मुख्यमंत्री मनोहर लाल ( Cm Manohar lal ) ने वर्ष 2017 में इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी दी थी। मूर्ति पवित्र ज्योतिसर स्थली पर लाइट एंड साउंड शो के ठीक सामने पूर्व-दक्षिण दिशा की तरफ मुख कर लगाई गई है।
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