हिसार में किसानों और प्रशासन के बीच समझौते में इन मुद्दों पर बनी थी सहमति, पढें पूरा सच

24 मई को हिसार में प्रशासन और किसान नेताओं के बीच जो समझौता हुआ था। अब समझौते के 4 दिन बाद हिसार रेंज के कमिश्नर और आईएएस अधिकारी चंद्रशेखर ने पूरा सच बताया है। उन्होंने कहा प्रशासन और किसानों के बीच लगभग पौने दो घंटे बातचीत हुई। जिसके बाद प्रशासन ने किसान नेताओं की दो मांगों को मान लिया है। जिस किसान की मृत्यु हुई, उसे प्रशासन डीसी रेट पर नौकरी देने पर राजी हो गया, दूसरा कि एक महीने का समय लेकर प्रशासन ने 16 मई को किसानों पर दर्ज हुए मुकदमें वापस लेने पर हामी भरी थी ।
उन्होंने बताया कि किसान ने बातचीत के दौरान जो मांगें रखी थी उनमें 16 मई को दर्ज किए गए सारे मुकदमें वापस लिए जाएं और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस वालों की पहचान कर उनके खिलाफ मुकदमे दर्ज किए जाएं। वहीं 16 मई से पहले भी हिसार में जितने मुकदमें दर्ज किए गए थे, उसे वापस लिया जाए। और जिस किसान की क्रांतिमन पार्क में हार्ट अटैक से मौत हुई थी, उसके परिवार में एक डीसी रेट पर नौकरी दी जाए।।
मंडलायुक्त चंद्रशेखर ने कहा वार्ता में किसान आंदोलन के प्रमुख नेताओं ने यह भरोसा दिलाया था कि भविष्य में वे शांतिपूर्वक आंदोलन करेंगे और आंदोलन के दौरान कोई हिंसा नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लेकिन इसके बावजूद भी वार्ता में हुए समझौते के 2 दिन के भीतर ही 26 मई, 2021 को भूमणशाह चौक पर बैरिकेडिंग को हटाकर उप मुख्यमंत्री आवास के 200 मीटर दूरी पर पुतला फूंक कर प्रदर्शन किया गया। हालांकि इस दौरान पुलिस व प्रशासन द्वारा सूझबूझ से काम लिया गया, जिससे स्थिति नियंत्रण में रही।उन्होंने वार्ता में शामिल सभी किसान नेताओं से यह आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि भविष्य में इस प्रकार का काम दोबारा से न हो।
बता दे कि किसान नेता गुरनाम सिंह चढ़ूनी प्रशासन पर लगातार धोखा देने का आरोप लगा रहे थे कि वो मुकदमे वापस नहीं ले रहा है। यही कहते हुए चढ़ूनी ने 24 मई को हिसार में कमिश्नर ऑफिस के घेराव की चेतावनी दी थी जिसके बाद किसान नेताओं की प्रशासन के साथ बैठक हुई, जो कि दो घंटे तक चली, बैठक में किसानों ने 4 मांगें रखी थी। इस बैठक में किसानों का 26 सदस्यीय दल, हिसार रेंज के आईजी, डीसी और एसपी समेत कई अधिकारी शामिल थे। बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा था पुलिस ने आश्वासन दिया कि कानूनी सलाह के बाद किसानों पर दर्ज सभी केस वापस ले लिए जाएंगे। पुलिस ने किसानों से 1 महीने का समय मांगा है।
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