ये रेलवे स्टेशन नहीं, शिक्षा का मंदिर है

ये रेलवे स्टेशन नहीं, शिक्षा का मंदिर है
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जी हां ये हम नहीं कह रहे विद्यालय में घुसते ही दीवारों पर बनाए गए रेलगाड़ी के लोगो से एक बार यूं लगता है कि ये विद्यालय नहीं रेलवे स्टेशन है और रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पर सवारियों अपने गंतव्य को जा रही है।

दीपक कुमार डुमड़ा : बवानीखेड़ा

बवानी खेड़ा के राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के बच्चे अब स्टूडेंस एक्सप्रेस में बैठकर शिक्षा के नए आयाम स्थापित करेंगें। जी हां ये हम नहीं कह रहे विद्यालय में घुसते ही दीवारों पर बनाए गए रेलगाड़ी के लोगो से एक बार यूं लगता है कि ये विद्यालय नहीं रेलवे स्टेशन है और रेलवे स्टेशन पर गाड़ी पर सवारियों अपने गंतव्य को जा रही है। लेकिन यकायक उसके भवन को देखकर पता चलता है कि ये रेलवे स्टेशन नहीं शिक्षा का मंदिर है।

जिसकी कायापलट करते हुए विद्यालय प्रधानाचार्या संतोष भाकर ने बताया कि उन्होंने इस विद्यालय में 12 दिसंबर 2019 को कार्यग्रहण किया और उनके द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी सुखपाल सिंह के नेतृत्व में जिला स्तर के अधिकारियों के आदेशानुसार इस विद्यालय को नया लुक दिया है। रेलगाड़ी पर बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं के लोगो लगाने के साथ इसे स्टूडेंट एक्सप्रेस का नाम दिया गया। इस गाड़ी में विद्यालय खुलते ही बच्चे सफर करेंगें।

बवानी खेड़ा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय को मॉडल संस्कृति का नाम दिया गया है इसलिए अब इस विद्यालय का नाम राजकीय मॉडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में तबदील हो गया। इसको नया लुक देने के लिए फेस लिफ्टिंग योजना के तहत एक लाख चालिस हजार रूपये की राशि विभाग द्वारा जारी की गई। जिसके तहत इसका नक्शा बदल दिया गया।

डेंटिंग-पेंटिंग के साथ पानी व शौचालय की व्यवस्था

विद्यालय प्रधानाचार्या संतोष भाकर न बताया कि पीने के पानी की 3 टंकियों, 13 यूरिनल, 2 टॉयलेट, हॉल निर्माण, चार दिवारी, मुख्य गेट पेंट करवाया गया, दीवारों पर भारत, हरियाणा के नक्शों को स्थापित करवाया गया। सभी छतों को पक्का करवाया गया।

8 साल से बंद जनरेटरों में डाली जान

विद्यालय प्रधानाचार्या संतोष भाकर ने बताया कि पिछले लगभग 8 वर्षों से बंद पड़े हुए दो जनरेटरों को ठीक करवाकर इसे चालू करवाया गया और इनमें जान डालने का कार्य किया। क्योंकि विद्यालय में इनकी सख्त जरूरत होने के चलते इस कार्य को करवाया गया। वहीं उन्होंने संपूर्ण कार्य में एनएसक्यूएफ से ऑटोमोबाइल शिक्षक मनवीर सिंह का अहम योगदान रहा।

रेलगाड़ी को बनाने में तीन पेंटरों ने खड़े किए हाथ

विद्यालय की दीवारों परे रेलगाड़ी का चित्र बनाने के लिए अनेक पेंटरों ने कार्य करने की हामी भरी तो तीन पेंटर इस कार्य को अधर में छोड़कर चले गए लेकिन एक अन्य पेंटर ने इस कार्य को अमलीजामा पहनाने का कार्य किया। वहीं विद्यालय स्टाफ द्वारा इसके बनाए गए लोगो पर ऐसे खडे़ हुए जैसे वे इसमें सफर कर रहे हों।

खंड अधिकारी ने थपथपाई पीठ

विद्यालय को नया लुक देने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी सुखपाल सिंह ने प्रधानाचार्या संतोष भाकर, मनवीर सिंह सहित समूचे स्टाफ की सराहना की और अनय विद्यालयों को भी विभाग द्वारा संबंधित योजना के तहत भेजी गई राशि को प्रयोग करने बारे बताते हुए प्रधानाचार्या के नक्शे कदम पर चलने के लिए प्रेरित किया।

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