Holi 2021 : होली पर्व पर इस बार 499 साल बाद बना दुर्लभ योग

हरिभूमि न्यूज. कुरुक्षेत्र
कॉस्मिक एस्ट्रो ओपीसी प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर व श्रीदुर्गा देवी मन्दिर पिपली के अध्यक्ष ज्योतिष और वास्तु आचार्य डॉ. सुरेश मिश्रा ने बताया कि इस बार होली का त्योहार तीन शुभ योग में मनाया जाएगा। भद्रा व पंचक का डर भी नहीं रहेगा।
होलिका दहन रविवार 28 मार्च, चन्द्रमा कन्या राशि में, सूर्य मीन राशि में, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र विशिष्ट करण और वृद्धि योग में है। सवार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग के साथ वृद्धि योग इन तीन योग से मिलकर इस बार त्रियोगी होली बन गई है। होलिका दहन की रात्रि को परम सिद्ध रात्रि माना गया है जो किसी भी साधना, जप, तप, ध्यान आदि के लिए बहुत श्रेष्ठ समय है। होलिका दहन के दिन किए गए दान-धर्म पूजन का विशेष महत्व है। इस प्रकार के योग वाली होली में तीन रंगों से होली का खेलना त्रिआयामी शुभता बढ़ाएगा।
29 मार्च सोमवार को होली पर्व पर इस बार 499 साल बाद दुर्लभ योग बन रहा है। होली पर इस बार ध्रुव योग का निर्माण हो रहा है। होली का आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से बड़ा महत्व है। इस बार होली सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी। होली पर अमृतसिद्धि योग भी रहेगा। इस दिन दो सबसे बड़े ग्रह शनि और गुरु मकर राशि में विराजमान होंगे। चन्द्रमा कन्या राशि में वहीं शुक्त्र और सूर्य ये दोनों ही मीन राशि में रहेंगे। मंगल और राहु वृषभ राशि में, बुध कुंभ राशि और केतु वृश्चिक राशि में विराजमान होंगे।
होली में विशेष कोरोना काल के नियमों को अपनाना चाहिए और जल ही जीवन है इसलिए संयम और नियम जीवन में आवश्यक है जिससे आपका सूर्य और चन्द्रमा मजबूत होंगे।
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