किसानों के लिए जरूरी खबर : हरियाणा में इस बार खरीफ फसल की खरीद समय से पहले होगी शुरू

चंडीगढ़। प्रदेश में इस बार भी फसल खरीद (Crop purchase) का काम सितंबर के अंतिम सप्ताह में शुरू हो जाएगा, जिसके लिए अभी से तैयारी की जा रही है। केंद्र की ओर से खरीद को हरी झंड़ी दी गई, तो राज्य में 25 सितंबर (25 September) से खरीद का काम होगा। इसके अलावा डेढ़ सौ खरीद केंद्र अतिरिक्त स्थापित कर कोविड संक्रमण (Covid infection) से बचाव के लिए भी खास कदम उठाने की रणनीति तैयार कर ली गई है। इतना ही नहीं एसीएस खाद्य एवं आपूर्ति विभाग पीके दास ने साफ कर दिया है कि इस बार भी किसानों का पैसा सीधे उनके खाते में जाएगा, आढ़तियों को भी कमीशन आदि को लेकर किसी भी तरह की दिक्कत नहीं होने देंगे।
एसीएस पीके दास ने कहा कि इस बार भी हमारी तैयारी पूरी है। धान, मूंग, बाजरा जैसे पदार्थ खरीद की व्यवस्था की जा रही है। लगभग दो सौ स्थानों पर मंडियों में खरीद की व्यवस्था पहले से होती रही है। लेकिन इनकी संख्या में इस बार हम डेढ़ सौ के करीब अतिरिक्त केंद्र बनाकर किसानों को राहत देने का काम करेंगे क्योंकि इस समय कोविड की चुनौती खड़ी हुई है। संक्रमण और कोविड से बचाव का मंडियों में खास ध्यान रखा जाएगा।
दास ने साफ कर दिया है कि मंडियों में खरीद का काम पूरी तरह से पारदर्शी तरीके से हो, इसका खास ध्यान रखा जाएगा। लेकिन आढ़तियों को भी कोई दिक्कत पेश नहीं आने देंगे, उन्होंने कहा कि कुछ शरारती तत्व कईं तरह की अफवाहें फैला रहे हैं। लेकिन हमें राजनीति करने वालों से कोई लेना देना नहीं है, आढ़ियों को वास्तव में जो दिक्कतें अथवा कोई अन्य विषय है, उसको लेकर जल्द ही हम उनके साथ में बैठक कर सभी बातों पर विचार करेंगे।
दास ने बताया कि इस बार 25 सितंबर से हम खरीद करने के पक्ष में हैं लेकिन इसके लिए केंद्र से अनुमति लेनी होगी। अगर मिल जाती है, तो पहले अथवा अक्टूबर से तो शुरुआत होनी ही है। दास ने बताया कि मेरी फसल मेरा ब्योरा पर पंजीकरण के साथ ही हमारे पास कईं तरह की जानकारी आती है, जिसके कारण व्यवस्था भी ठीक रहती है। जिससे किसान का समय कम लगता है, खरीद में दिक्कत भी नहीं होती। इसके अलावा हम किसानों से ठीक समय और उनकी सहूलियत के हिसाब से खरीद की व्यवस्था करने की तैयारी में हैं। राज्य का खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, हैफेड, एफसीआई सभी के साथ में बैठक हो चुकी है।
दास का यह भी कहना है कि बाजार में जितनी प्रतिस्पर्द्धा होगी, उतना ही किसानों को फायदा मिलेगा, क्योंकि एमएसपी पर खरीदने के लिए सरकार ने व्यवस्था कर दी है, इसके ऊपर अगर रेट किसान को सीधे मिलता है, तो किसी को क्या दिक्कत है। दास ने कहा कि इस संबंध में खुद किसान को फैसला करना होता है, क्योंकि सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद के लिए तैयार है।
डिप्टी सीएम और अफसर करेंगे बैठक
राज्य मुख्यालय पर जल्द ही डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला और खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के आला अफसर आढ़तियों व किसान प्रतिनिधियों के साथ में बैठक कर उनकी मांगों, समस्याओं पर सिलसिलेवार विचार करेंगे। जिसके लिए बातचीत की जा रही है। आने वाले दो तीन दिनों में यह बैठक संभव है।
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