हैंडबाल खिलाड़ियों की नर्सरी बना हरियाणा का यह गांव

हिसार जिले के गांव लाडवा को बीते एक दशक से हैंडबॉल खिलाड़ियों की नर्सरी के तौर पर जाना जाता है। हैंडबॉल खिलाड़ियों को नि:शुल्क कोचिंग देने वाले दो दोस्त कोच महावीर पूनिया व अशोक पूनिया इस नर्सरी के बागवां हैं। लाडवा हैंडबाल फाउंडेशन (नर्सरी) से निकले 20 से ज्यादा खिलाड़ियों को नौकरी मिली तो कइयों का करियर चमकने के साथ आर्थिक मजबूती मिली है।
आज गांव की 30 से अधिक बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन कर रही हैं। वहीं, संदीप पूनिया समेत अब तक लाडवा के 8 खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर, 75 राष्ट्रीय स्तर तथा 100 से अधिक खिलाड़ी राज्यस्तर पर पदक जीत चुके हैं। 2010 में लड़कियों की हैंडबॉल की टीम तैयार की, जिसमें खुशबू पूनिया जूनियर एशियन में भारतीय टीम की कप्तान रही। देश तथा प्रदेश को कई राष्ट्रीय तथा अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैंडबॉल खिलाड़ी देने वाले कोच महावीर पूनिया तथा अशोक पूनिया की मेहनत का परिणाम है कि गांव के कई खिलाड़ियों को आर्थिक रूप से स्कॉलरशिप और कैश अवार्ड के रूप में लाखों रुपये मिले हैं और मिल रहे हैं। उनके पास कोचिंग लेने वाले अधिकतर बच्चे गरीब परिवारों से है।
शुरुआत में आई दिक्कतें
साल 2010 में सीमित सुविधाओं के साथ लड़कियों की हैंडबॉल टीम तैयार की। शुरुआत में अनेक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। विशेषकर लोगोंं की कमजोर मानसिकता के कारण लड़कियों को खेल में आगे आने के कम अवसर मिले। अभिभावक लड़कियों को खेलने के लिए नहीं भेजते थे। दोनों दोस्तों ने उन्हें मोटिवेट किया, तब जाकर लड़कियां मैदान में प्रैक्टिस के लिए आने लगी। अब गांव की 30 से अधिक बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर खेल व पदक जीतकर गांव तथा जिले का नाम रोशन कर चुकी हैं। मोनिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक हासिल कर चुकी है। गांव की बेटी खुशबू •भारतीय जूनियर एशियन टीम की कप्तान •भ्ाी रह चुकी है। गांव की नीतू हैंडबॉल खेल कोटे से एसएसबी में हवलदार के पद पर सेवाएं दे रही हैं। महिलाओं को प्रमोट करने के लिए सोशल मीडिया पर पेज भी बनाया है।
विश्वस्तर पर पहचान
युवा कोच महावीर पूनिया तथा अशोक पूनिया ने हैंडबॉल में गांव लाडवा को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई है। इस जोड़ी ने जिले, राज्य, राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगताओं में •ाी आॅफिशियल की भूमिका निभ्ााई। जिले व राज्य की हैंडबॉल टीमों के कोच, मैनेजर व कनिजेंटल इंचार्ज भूमिका भ्ाी निभ्ााई है। अशोक तथा महावीर बताते है कि उन्होंने मन एक ही बात ठानी थी कि गांव लाडवा के लड़के और लड़कियों को हैंडबॉल खेल में तैयार करना है। दोनों की इच्छा अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैंडबॉल खिलाड़ी बनने की थी, लेकिन किसी कारण वश उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो पाई। दोनों दोस्तों ने एक साथ फिजिकल एजुकेशन में डिग्री की और कोर्स किए। दोनों खुद अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी नहीं बन पाए हो, लेकिन लाडवा की धरती से उन्होंने कई राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर के हैंडबॉल खिलाड़ी की फौज तैयार कर दी है। लाडवा की टीम स्कूल प्रतियोगिताओं में 6 बार तथा जिला हैंडबॉल संघ की प्रतियोगिताओं में चौथी बार चैंपियनशिप जीतने का गौरव हासिल कर चुकी है।
नशे से दूर रहने का दिया संदेश
हैंडबॉल प्रशिक्षक अशोक पूनिया व महावीर पूनिया कहा कि युवाओं को अपने भविष्य को उत्कृष्ट बनाने की कोशिश करने चाहिए। शिक्षा के बिना जीवन अधूरा होता है, इसलिए पढ़ाई मे ध्यान लगाएं। खेलों में हिस्सा लें। युवाओं को नशे की गिरफ्त से बचना चाहिए।
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