इस वर्ष औसत से ज्यादा बरसात, विदाई की ओर जाता मॉनसून फसलों को पहुंचा रहा नुकसान

इस वर्ष औसत से ज्यादा बरसात, विदाई की ओर जाता मॉनसून फसलों को पहुंचा रहा नुकसान
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इस वर्ष का बरसात का आंकड़ा देखे तो जिले में जनवरी से सितंबर तक करीब 630 एमएम बरसात हो चुकी है। इस दौरान सामान्य से 79.48 प्रतिशत बरसात मात्र 56 दिनों में दर्ज की गई। फिलहाल जो बरसात हो रही है उससे मौसम सुबह व रात्रि में ठंडक का अहसास होने लगा है,जिससें दिन व रात के तापमान में कमी आ रही है।

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी

मॉनसून विदाई की ओर है,लेकिन रोजाना बदलते मौसम के करण हो रही बरसात से कपास व बाजरे की फसल को काफी नुकसान पंहुचा है। इस वर्ष औसम से ज्यादा बरसात होने के कारण अधिक बरसात के मामले में जिला रेवाड़ी प्रदेश में 7वें नम्बर पर है। जुलाई माह में हुई बरसात से बाजरे के छोटे पौधों को व अब बाजरे की कटाई की गई फसल पानी में डूबने से खराब हो गई।

अभी मौसम बदलने के साथ और भी बरसात हो सकती है,लेकिन अब जो बरसात हो रही है वो मॉनसून की विदाई की ओर ले जा रही है। अगर अगस्त माह में बरसात की बात करे तो करीब दो सप्ताह में करीब 62 एमएम बरसात दर्ज हुई। जबकि जुलाई माह में हुई बरसात ने पिछले 16 साल के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इस वर्ष का बरसात का आंकड़ा देखे तो जिले में जनवरी से सितंबर तक करीब 630 एमएम बरसात हो चुकी है। इस दौरान सामान्य से 79.48 प्रतिशत बरसात मात्र 56 दिनों में दर्ज की गई। फिलहाल जो बरसात हो रही है उससे मौसम सुबह व रात्रि में ठंडक का अहसास होने लगा है,जिससें दिन व रात के तापमान में कमी आ रही है। बरसात से खराब हुई फसल को लेकर सरकार से मुआवजा लेने के लिए जिले से 13200 किसानों ने आवेदन किया है,जिसको लेकर प्रदेश के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री जे पी दलाल ने अधिकारियों को विशेष गिरदावरी करवाने के आदेश जारी किए गए है,जिससें किसानो को राहत मिलने की उम्मीद है। गुरुवार को शहर में सुबह से बादल छाए रहने के बाद दोपहर को करीब एक घंटे अच्छी बरसात हुई

अभी और हो सकती है बरसात ,फसलों के लिए नुकसानदायक

कृषि विशेषज्ञों का कहना है इस बार बरसात अच्छी रही,लेकिन जून माह में बाजरे की बिजाई के बाद छोटी पौध निकलने पर हुई बरसात से खेतों में हुए जलभराव से नुकसान हुआ। अब बाजरे की कटाई के समय भी खेत जलमग्न रहने से फसल को नुकसान हो रहा है। हांलाकि रबी की फसल के लिए बरसात लाभदायक है। मौसम वैज्ञानिको के अनुसार सितंबर माह के अंत तक अभी और बरसात हो सकती है। उन्होंने बताया कि वैसे सितंबर माह में कम बरसात होती है। वर्ष 2020 27 एमएम बरसात हुई,लेकिन इस वर्ष सितंबर माह में अभी तक 101.64 एमएम बरसात हो चुकी है व अभी और भी बरसात होने की संभावना है।

कृषि विभाग से प्राप्त जनवरी से सितंबर 2021 तक बरसात के आंकड़े

कृषि विभाग के अनुसार जनवरी में 33.25 एमएम,फरवरी में 2.0 एमएम,मार्च में 8.5 एमएम,अप्रेल में 2.0 एमएम,मई में 88.25 एमएम,जून में 19.3 एमएम,जुलाई में 313.49 एमएम,अगस्त में 61.71 एमएम व सितंबर में अब तक 101.64 एमएम के करीब बरसात दर्ज की गई।

प्रति वर्ष सामान्य बरसात से इस वर्ष अधिक

कृषि उपमंडल अधिकारी दीपक यादव ने बताया कि प्रति वर्ष 550 एमएम तक सामान्य बरसात होती है,लेकिन इस वर्ष अब तक 630 एमएम बरसात हो चुकी है जो सामान्य से 80 एमएम ज्यादा है। उन्होंने कहा कि वैसे मॉनसून धीरे-धीरे जा रहा है,लेकिन अभी और बरसात हो सकती है। इस बरसात से फसलों को हुए नुकसान को लेकर सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के बाद ही फसलों के नुकसान का पता लग पाएगा। वैसे ये बरसात रबी की फसल के लिए लाभदायक सिद्ध होगी।

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