चरखी दादरी : हजारों नम आंखों ने दी शहीद भूपेंद्र को अंतिम विदाई

चरखी दादरी :  हजारों नम आंखों ने दी शहीद भूपेंद्र को अंतिम विदाई
X
गांव बास में बुधवार सुबह करीब 11 बजे युवाओं के काफिले के साथ शहीद भूपेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर के आते ही समूचे गांव में एक बार तो शोक की लहर दौड़ गई। जब तक सूरज चांद रहेगा-भूपेंद्र तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय, भूपेंद सिंह अमर रहे आदि नारों से आकाश गुंजायमान हो उठा

हरिभूिम न्यूज : चरखी दादरी

चार दिन पहले कश्मीर में सीमा पार से किए गए हमले में देश पर अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले शहीद भूपेंद्र सिंह चौहान का गांव बास में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार (Funeral) किया गया। सांसद धर्मबीर सिंह,विधायक सोमबीर सांगवान, उपायुक्त व पुलिस अधीक्षक सहित हजारों ग्रामीणों ने नम आंखों से भारत मां के इस वीर सपूत को विदाई दी।

गांव बास में बुधवार सुबह करीब 11 बजे युवाओं के काफिले के साथ शहीद भूपेंद्र सिंह का पार्थिव शरीर पहुंचा। शहीद के पार्थिव शरीर के आते ही समूचे गांव में एक बार तो शोक की लहर दौड़ गई। जब तक सूरज चांद रहेगा-भूपेंद्र तेरा नाम रहेगा, भारत माता की जय, भूपेंद सिंह अमर रहे आदि नारों से आकाश गुंजायमान हो उठा। बता दें कि पांच सितंबर शनिवार को जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में एलओसी पर भूपेंद्र सिंह शहीद हो गए थे।

भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद धर्मबीर सिंह, दादरी के विधायक एवं हरियाणा पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन सोमबीर सांगवान, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, भाजपा जिलाध्यक्ष सतेंद्र परमार, उपायुक्त शिवप्रसाद शर्मा एवं पुलिस अधीक्षक बलवान सिंह राणा ने पुष्प चक्र अर्पित कर शहीद भूपेंद्र सिंह को श्रद्घासुमन अर्पित किए। सेना की ओर से मेजर जार्ज फर्नांडीज प्रिंस ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। पुलिस व थल सेना के सिपाहियों ने बिगुल बजाकर तथा हवाई फायर कर शहीद को नमन किया।

गांव बास के किसान मलखान सिंह के दो पुत्रों में ज्येष्ठ भूपेंद्र सिंह 26 दिसंबर 2015 को भारतीय सेना में भर्ती हुआ था। उसका जन्म तीन मार्च 1997 को हुआ था। भूपेंद्र ने गांव के ही स्कूल से दस जमा दो कक्षा तक पढ़ाई की। उसका एक ही सपना था कि वह सेना में भर्ती होकर अपने देश की सेवा करे। करीब डेढ़ साल पहले भूपेंद्र का विवाह गांव झिंझर निवासी रेखा से हुआ था। भूपेंद्र और रेखा का एक बेटा है, जिसका उन्होंने प्यार से नाम पूर्व रखा हुआ है। ग्रामवासियों ने बताया कि भूपेंद्र काफी होनहार युवक था और वह छ: माह पहले गांव में छुट्टी पर आया हुआ था। गांव में उसके जाने का सभी को दु:ख है। उन्होंने बताया कि बड़े भाई की राह पर चलते हुए भूपेंद्र का छोटा भाई दीपक भी सेना में भर्ती होने की तैयारी कर रहा है।

Tags

Next Story