रेल सेवाओं का अब भी इंतजार : नारनौल से जयपुर के बीच रोजाना हजारों लोग आते-जाते, एक भी सीधी पैसेंजर ट्रेन नहीं होने से यात्री परेशान

हरिभूमि न्यूज : नारनौल
कोरोनो संक्रमण के बाद सामान्य होते हालातों के बीच रेल सेवाओं में विस्तार जारी है। अब पैसेंजर गाडि़यां चलने के बाद एडवांस टिकटों की बजाए करंट टिकटें मिलना शुरू हो गई हैं। इतना ही नहीं, मासिक सीजन टिकट (एमएसटी) की शुरुआत भी हुई है, जिससे दैनिक रेलयात्रियों को बड़ी राहत मिली है। हालांकि रेवाड़ी-नारनौल-रींगस से जयपुर होते हुए सीधी पैसेंजर ट्रेनों की कमी अखरती है।
कोरोना की दूसरी खतरनाक लहर के चलते ट्रेनों का आवागमन बंद हो गया था, जिसके प्रभाव से नारनौल रेलवे ट्रैक भी अछूता नहीं रहा था। बाद में जैसे-जैसे हालात सामान्य होने लगे, पुन: सवारी गाडि़यों का संचालन होने लगा और धीरे-धीरे आम जनजीवन भी पटरी पर लौट आया। मगर कोरोना के बाद जब उत्तर-पश्चिम रेलवे मंडल जयपुर की ओर से ट्रेनें शुरू की गई तो सभी ट्रेनें स्पेशल एवं एक्सप्रेस थी और इनमें केवल एडवांस बुकिंग की ही सुविधा दी गई। ट्रेनें चलने के बावजूद उनमें सीट नहीं मिल पाती थी और इससे यात्रियों को काफी निराशा हाथ लगी थी। मगर धीरे-धीरे और सवारी गाडि़यां चलने लगी तो हालात बदले और जैसे ही पैसेंजर गाडि़यां शुरू हुई तो दैनिक रेलयात्रियों ही नहीं, आमजन ने भी बड़ी राहत महसूस की। वर्तमान में नारनौल स्टेशन से कुल सात छोटी-बड़ी ट्रेनों का आवागमन हो रहा है, लेकिन इनमें से केवल एक ही ट्रेन नंबर 09735/09736 ऐसी है, जिसमें मासिक सीजन टिकट यानी एमएसटी की सुविधा दी गई है। शेष गाडि़यों में या तो ऑनलाइन एडवांस बुकिंग की सुविधा है या फिर भी करंट टिकट लेकर ही यात्रा करनी पड़ती है। अब तक जयपुर मंडल के अधीन कुल 23 जोड़ी रेल सेवाओं में एमएसटी योजना लागू है। गत 23 अगस्त को भी 19 से बढ़ाकर चार नई जोड़ी रेल सेवाओं में यह सुविधा शुरू की थी, लेकिन उनमें से एक भी ट्रेन नारनौल ट्रैक की नहीं थी और लोग इंतजार करते रह गए थे।
दो अन्य पैसेंजर में भी एमएसटी लागू करने की जरूरत : इस समय नारनौल से तीन पैसेंजर गाडि़यां रेवाड़ी से फुलेरा के बीच चलती हैं, लेकिन इन में से केवल एक ही ट्रेन नंबर 09735/36 में ही एमएसटी की सुविधा दी गई है। शेष दो पैसेंजर गाडि़यों नंबर 09723/24 तथा 09724/25 में यह सुविधा अब तक शुरू नहीं की गई है। अन्य ट्रेनें स्पेशल एवं एक्सप्रेस होने के साथ-साथ लंबी दूरी की गाडि़यां हैं और इनमें सामान्य श्रेणी का कोई डिब्बा नहीं होने के कारण यह सुविधा उपलब्ध नहीं है।
जयपुर के लिए नहीं है कोई सीधी ट्रेन : कमाल की बात है कि अटेली-नारनौल क्षेत्र से तीन गाडि़यां पैसेंजर चलाई जा रही हैं, लेकिन इनमें से एक भी पैसेंजर गाड़ी सीधे जयपुर के लिए नहीं है। जबकि क्षेत्र के लोग शारीरिक जांच एवं उपचार के लिए जयपुर को बड़ी तवज्जो देते हैं और खूब आवागमन रहता है। इतना ही नहीं, क्षेत्र के लोगों का राजस्थान के पड़ोसी जिलों में रोटी-बेटी का नाता है और खूब आना-जाना भी होता है, लेकिन जयपुर के लिए कोई सीधी पैसेंजर नहीं होने का खामियाजा उन्हें उठाना पड़ रहा है।
राज्यमंत्री के ज्ञापन पर भी नहीं हुआ असर : गत 19 मार्च को जयपुर रेल मंडल के महाप्रबंधक आनंद प्रकाश वार्षिक निरीक्षण के लिए नारनौल आए थे, तब इलाके की जनता के साथ-साथ सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने भी महाप्रबंधक को ज्ञापन दिया था और उनसे मुलाकात भी की थी, लेकिन अब पांच महीने बीतने के बावजूद उस ज्ञापन का असर दिखाई नहीं दे रहा। नारनौल-जयपुर के बीच पैसेंजर ट्रेन भी नहीं चली।
हमने भेजी हुई है डिमांड : नारनौल स्टेशन के अधीक्षक मुनीश भार्गव ने बताया कि कोरोना के बाद सामान्य हालातों के चलते कुछ गाडि़यां चलाई गई हैं, लेकिन एमएसटी केवल एक ही ट्रेन में लागू है। नारनौल-जयपुर के बीच कोई पैसेंजर ट्रेन फिलहाल नहीं है और न ही कोई सूचना है। जबकि हमने डिमांड भेजी हुई है।
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