शहीद श्रीओम गौतम पंचतत्व में विलीन : वंदे मातरम के जयकारों के बीच हजारों लोगों ने दी अश्रुपूर्ण विदाई

हरिभूमि न्यूज : चरखी दादरी
वंदे मातरम....देखो- देखो कौन आया..शेर आया..शेर आया.. जब तक सूरज चांद रहेगा, ओम तेरा नाम रहेगा आदि गुंजायमान नारों के साथ 14 अप्रैल की शाम को दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हुए सूबेदार श्रीओम गौतम का गांव महराणा में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। हजारों नम आंखों ने अश्रुपूरित नेत्रों के साथ राजपूत रेजीमेंट के गौरव रहे सेना के प्रसिद्ध कुश्ती खिलाड़ी 42 वर्षीय श्रीओम को अंतिम विदाई दी।
भिवानी-महेंद्रगढ़ के सांसद धर्मबीर सिंह, जजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व सांसद डॉ. अजय चौटाला, पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान, पूर्व विधायक सुखविंद्र मांढी, जजपा जिला अध्यक्ष नरेश द्वारका तथा जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त प्रदीप गोदारा, डीएसपी जोगेंद्र सिंह, तहसीलदार बंसीलाल ने शहीद श्रीओम गौतम के परिवार को सांत्वना दी व उनके पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित किए। पूर्व सांसद अजय सिंह चौटाला ने कहा कि गांव के पार्क कम व्यायामशाला का नाम शहीद श्रीओम गौतम के नाम से किया जाएगा। उन्होंने शहीद श्रीओम के पुत्र योगेश को भी ढांढस बंधाया। उपायुक्त प्रदीप गोदारा ने शहीद के परिवार को सांत्वना दी और कहा कि दादरी को अपने जांबाज वीर सिपाही ओम गौतम पर नाज है।
श्रीओम गौतम का जन्म वर्ष दस अप्रैल,1980 को गांव महराणा के किसान शिवकुमार व फूलवती के परिवार में हुआ था। वह चार भाई-बहनों में दूसरे स्थान पर थे। बचपन से ही उन्हें कुश्ती का शौक था। रोहतक सुरेश अखाड़ा में उन्होंने कुश्ती का प्रशिक्षण लिया था। अपने खेल कौशल के दम पर ही 30 जुलाई 1998 को श्रीओम 17 राजपूत रेजीमेंट में भर्ती हो गए। सेना में उन्होंने अपने खेल को जारी रखा और वर्ष 2001 में आर्मी कलर लेकर उन्होंने हवलदार के पद पर पदोन्नति प्राप्त की। श्रीओम गौतम का विवाह 5 मार्च 2002 का गांव बाघोत निवासी कविता के साथ हुआ था। उनके परिवार में बड़ी बेटी कीर्ति एवं 17 वर्षीय पुत्र योगेश हैं। कीर्ति बीएससी प्रथम वर्ष की छात्रा तथा योगेश दस जमा दो कक्षा का विद्यार्थी है। योगेश अपने पिता और चाचा देवेंद्र की तरह सेना में जाने के लिए एनडीए की तैयारी कर रहा है।
हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को विदाई दी
गांव महराना और आसपास के हजारों लोगों ने नम आंखों से शहीद को विदाई दी। सेना के जवानों ने हवाई फायर कर शहीद श्रीओम गौतम को सलामी दी। श्रीओम पिछले महीने 17 मार्च को ही छुट्टी पूरी कर परिवार से मिलकर ड्यूटी पर गए थे। दो दिन पहले 14 अप्रैल को उनकी यूनिट को सूचना मिली थी कि कुछ आतंकवादी एक मकान में घुसे हुए हैं। सेना ने दोपहर बाद ऑपरेशन शुरू कर चार आतंकवादियों को मार गिराया। ऑपरेशन के दौरान ही वहां गांव वालों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। जिससे सेना के एक वाहन का संतुलन बिगड़ गया और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। जिसमें राजस्थान के दो जवान रामौतार व पवन सहित गांव महराणा के ओम गौतम भी शहीद हो गए।
शहीद की अंतिम यात्रा में सैकड़ों युवाओं ने तिरंगे झंडों के साथ शिरकत की। शहीद की पार्थिव देह पर सेना अधिकारी, पूर्व सैनिक तथा मौजिज व्यक्तियों ने पुष्प अर्पित किए। शहीद की चिता को पुत्र योगेश ने अग्नि दी। शहीद ओम गौतम अमर रहे... के नारों के साथ लोगों ने इस साहसी वीर जवान को विदा किया। इस मौके पर शहीद ओम गौतम के छोटे भाई व सिक्किम में तैनात सूबेदार देवेंद्र, उनके बड़े भाई हरिओम, नायब तहसीलदार कृष्ण कुमार आदि उपस्थित रहे।
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