निजीकरण के खिलाफ सीएम सिटी में सड़कों पर उतरे हजारों रोडवेज कर्मचारी, 28-29 मार्च को प्रदेशभर में चक्का जाम

करनाल। हरियाणा रोडवेज कर्मचारी सांझा मोर्चा के आह्वान पर प्रदेशभर के हजारों रोडवेज कर्मचारी मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय के घेराव व प्रदर्शन के लिए करनाल कर्ण पार्क में इक्कठे हुए। कर्मचारियों ने गगनभेदी नारों के साथ मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय की ओर कूच किया। निजीकरण के खिलाफ, पुरानी पेंशन बहाली व बार-बार मानी गई मांगों को लागू नहीं करने से गुस्साए रोडवेज कर्मचारियों ने सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में जमकर नारेबाजी की।
कर्मचारियों ने कहा कि जब प्रदेश की जनता व कर्मचारियों की निजीकरण की मांग नहीं तो हरियाणा रोडवेज का निजीकरण क्यों किया जा रहा है। मोर्चा नेताओं ने एक आवाज में कहा विभाग में ABC श्रेणी के नाम पर अंतरराज्यीय रुटों पर 20 प्रतिशत, अंतरजिला रूटों पर 50 प्रतिशत एवं लोकल रुटों पर प्राइवेट बसें चलाने की योजना, किलोमीटर स्कीम व 2016-17 पोलिसी रद्द कर विभाग के निजीकरण पर पूर्ण रोक लगाने, विभाग में 10 हजार सरकारी बसें शामिल करने, कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाली, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने,सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने, परिचालक व लिपिक का वेतनमान 35400 करने,1992 से 2003 के मध्य लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने।
इसके अतिरिक्त सभी कर्मचारियों को 5000 रुपए जोखिम भत्ता देने, कर्मशाला कर्मचारियों को तकनीकी स्केल देने व कम किए अवकाश पहले की तरह लागू करने, सभी कर्मचारियों को एक माह के वेतन के समान बोनस देने, कोरोना महामारी के दौरान बसें खड़ी रहने व डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी से हुए नुकसान की भरपाई के लिए विभाग को 2000 करोड़ रूपए का पैकेज देने, आरक्षित श्रेणी कर्मियों का प्रमोशन में रोस्टर प्रणाली लागू कर बैकलाग पुरा करने, पंजाब, हिमाचल व डी टी सी की तर्ज पर चालकों की प्रमोशन करने, लिपिकों व डी ग्रुप कर्मचारियों सहित सभी श्रेणियों के खाली पड़े पदों पर प्रमोशन करने, HREC गुरुग्राम को हरियाणा रोडवेज का अभिन्न अंग मानते हुए कर्मचारियों को सभी सुविधाएं परिवहन विभाग के नियमों के तहत देने सहित अनेक लम्बित मांगे लागू होने तक निर्णायक आन्दोलन जारी रखने का निर्णय लिया है।
मोर्चा नेताओं ने कैम्प कार्यालय का घेराव व प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम लम्बित मांगों का ज्ञापन दिया। कर्मचारी नेताओं ने कहा 28-29 मार्च को समस्त रोडवेज कर्मचारी राष्ट्रव्यापी हड़ताल में भाग लेकर सभी बसों का पूर्ण चक्का जाम करेंगे। हड़ताल की सफलता के लिए मोर्चा के चार जीप जत्थे 15 मार्च से सभी डिपुओं में गेट मीटिंग करेंगे। मोर्चा नेताओं ने कहा आम जनता व रोडवेज कर्मचारियों की निजीकरण की मांग नहीं, फिर भी सरकार धन्नासेठों को फायदा पहुंचाने के लिए निजीकरण के नये-नये तरिके अपना कर विभाग को बर्बाद करने पर लगी हुई है। विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार सरकारी बसें शामिल करने व कर्मचारियों की मांगों को लागू करने के सरकार के दावे खोखले साबित हुए हैं।
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