स्ट्राइड का रिकार्ड मेनटेन नहीं मिलने पर तीन मेडिकल स्टोर सील, कई जगह की गई जांच

हरिभूमि न्यूज. रेवाड़ी
कोरोना वायरस के साथ उभरकर निकलने ब्लैक फंगस को लेकर अब स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह एक्टिव हो गया है। शुक्रवार को स्ट्राइड का स्टोक मेनटेन नहीं मिलने पर ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर की टीम ने तीन मेडिकल स्टोर को सील कर दिया। इसके अलावा भी काफी सारे मेडिकल स्टोर पर जांच की गई। टीम की कार्रवाई से दिनभर मेडिकल स्टोर संचालकों में हड़कंप मचा रहा। तीन दिन पहले ही प्रशासन ने बगैर डॉक्टर की प्रिस्क्रप्शिन के उसकी बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही मेडिकल स्टोर संचालकों को रिकार्ड मेनटेन रखने का आदेश दिया था। इसमें लापरवाही बरतने पर लाइसेंस रद्द करने के साथ एफआईआर दर्ज करने की भी बात की थी।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग को सूचना मिल रही थी कि कुछ मेडिकल स्टोर पर स्ट्राइड का स्टोक मेनटेन नहीं रखा जा रहा है। कुछ इसकी बिक्री अब भी कर रहे है। इसके बाद ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर अमनदीप चौहान सुबह ही शहर के मेडिकल स्टोर पर जांच करने के लिए निकले। सबसे पहले विराट अस्पताल के साथ औम मेडिकल स्टोर व उसके सामने पारस मेडिकल स्टोर पर छापा मारा। इस दौरान स्ट्राइड का स्टोक चेक किया तो दोनों ही मेडिकल स्टोर पर स्टाक मेनटेन नहीं मिला। उसके बाद ड्रग्स कंट्रोल ऑफिसर ने दोनों मेडिकल स्टोर को सील कर दिया है। इसके साथ ही आगामी कार्रवाई भी शुरू कर दी है। वहीं उसके बाद यह टीम कसौला चौक पर श्री श्याम मेडिकल स्टोर पर पहुंची। यहां भी स्ट्राइड का स्टोक मेनटेन नहीं मिलने पर मेडिकल स्टोर को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही और भी कई मेडिकल स्टोर पर जांच की गई, जहां स्टॉक मेनटेन मिला।
डीसी ने लाइसेंस रद्द के साथ दी थी एफआईआर की चेतावनी
कोरोना के बीच ब्लैक फंगस के रूप में सामने आई नई चुनौती से निपटने के लिए कुछ दिन से सरकार के निर्देश पर प्रशासन पूरी तरह एक्टिव है। डीसी यशेन्द्र सिंह ने मैडिकल स्टोर संचालकों को 18 मई को आदेश दिया था कि संकटकाल में दवाओं की कालाबाजारी को रोकने के लिए जिला में अब बगैर डॉक्टर की सलाह प्रिस्क्रप्शिन के स्टेरॉयडस की बिक्री नहीं होगी। जिले में कोई भी मैडिकल स्टोर बगैर डॉक्टर की प्रिस्क्रप्शिन के स्ट्राइड बेचते पाये जाने पर लाईसैंस रद्द करने के साथ एफआईआर भी दर्ज कराने के आदेश दिए थे।
तीन संदिग्ध केस आ चुके सामने
कोरोना के बीच जिले में ब्लैक फंगस के तीन संदिग्ध केस सामने आ चुके है। तीनों ही केस 18 मई को सामने आए थे। उसके बाद तीनों को हायर सेटर रेफर कर दिया गया था। इसके अलावा भी कुछ ऐसे मरीज सामने आए है, जो कोविड से ठीक होने के बाद आंखों में जलन या सूजन से परेशान है। हालांकि अभी तक जिले में ब्लैक फंगस का कोई कंफर्म केस नहीं है।
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