नकली करंसी बाजार में उतारने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्य पकड़े, जाली नोट बरामद, हुआ बड़ा खुलासा

नकली करंसी बाजार में उतारने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के तीन सदस्य पकड़े, जाली नोट बरामद, हुआ बड़ा खुलासा
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ये लोग आधे दाम में नकली करंसी खरीदते थे। बाजार में रेहड़ी वालों या छोटे दुकानदारों के यहां इन नोटों को चलाते थे। मंजीत ने भी दो-तीन नोट चलाए हैं। मामले में मुख्य आरोपित का नाम सामने आ चुका है।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

पुलिस की अपराध जांच शाखा-2 ने बाजार में नकली करंसी उतारने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। मामले में तीन आरोपितों को गिरफ्तार किया है। तीनों अलग-अलग राज्यों के रहने वाले हैं। इनसे 100 और 500 के काफी नोट ( 47700 जाली करंसी ) बरामद हुई है। आरोपितों को रिमांड पर लिया है। पुलिस इनसे पूछताछ कर रही है।

दरअसल, पुलिस की अपराध जांच शाखा द्वितीय की टीम ने गत 25 अप्रैल को सदर थाना क्षेत्र में अवैध हथियार सहित एक युवक को गिरफ्तार किया था। आरोपित की पहचान दिल्ली के पंजाब खोड़ गांव के निवासी मंजीत के रूप में हुई। प्रारंभिक तौर पर मामला केवल अवैध हथियार रखने तक की था लेकिन जब तलाशी के दौरान मंजीत से कुछ नोट बरामद हुए तो मामला पूरी तरह बदल गया। अवैध हथियार से बदलकर यह केस नकली करंसी का बन गया। आरोपित से 100 के 20 तथा 500 के 15 नोट यानी कुल 9500 जाली रुपये बरामद हुए थे। पुलिस ने सख्ती बरतनी शुरू की तो मंजीत ने सारे राज उगलने शुरू कर दिए। उसने बताया कि ये नोट वह अपने दोस्त फारुख से लाया था। फारुख सोनीपत जिले के गांव पीपली का निवासी है। मंजीत की निशानदेही पर पुलिस ने फारुख को भी काबू कर लिया। फारुखदीन के पास भी 100 और 500 के काफी नोट मिले। कुल मिलाकर इससे 38 हजार 200 रुपये की जाली करंसी बरामद हुई।

मामला यहीं तक नहीं थमा। जब फारुखदीन से करंसी के बारे में पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह बागपत के निवासी इसरार से ये नोट लाया था। फिर क्या था, पुलिस बागपत पहुंच गई और आरोपित इसरार को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि उससे नकली करंसी तो बरामद नहीं हुई लेकिन मामले में कुछ जरूरी खुलासे कर दिए। वीरवार को इस सिलसिले में सीआईए-2 बहादुरगढ़ के प्रांगण में पत्रकार वार्ता हुई। डीएसपी अरविंद दहिया ने बताया कि बाजार में नकली करंसी उतारने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को पकड़ा गया है। इनमें मंजीत और फारुखदीन आपस में पुराने दोस्त हैं।

जबकि फारुखदीन की इसरार से जानकारी है। सामने आया है कि ये लोग आधे दाम में नकली करंसी खरीदते थे। बाजार में रेहड़ी वालों या छोटे दुकानदारों के यहां इन नोटों को चलाते थे। मंजीत ने भी दो-तीन नोट चलाए हैं। मामले में मुख्य आरोपित का नाम सामने आ चुका है। उसको गिरफ्तार करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। उसकी गिरफ्तारी से यह साफ हो जाएगा कि बाजार में नकली नोट उतारने वाले इस गिरोह की चेन कहां तक फैली है। नोटों की प्रिंटिंग कहां होती है, कौन-कौन इस गिरोह में शामिल है और कब से यह धंधा चल रहा है। मामले में मंजीत और फारुखदीन को तीन-तीन दिन के तथा इसरार को दो दिन के रिमांड पर लिया गया था। शुक्रवार को रिमांड अवधि समाप्त हो जाएगी। जल्द ही इस पूरे मामले का भंडाफोड़ किया जाएगा।

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