किसान आंदोलन में आज तीन और किसानों की गई जान, एक की हालत गंभीर

किसान आंदोलन में आज तीन और किसानों की गई जान, एक की हालत गंभीर
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कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने आए दो किसानों की मौत हो गई है। वहीं एक किसान की टिकरी बार्डर पर जान चली गई। वहीं हाड़ कंपाने वाली ठंड व बारिश में धरने पर बैठे किसानों ने सरकार के प्रति आक्रोश जाहिर किया है।

Kisan Andolan: भीषण शीत लहर के कहर के बाद भी दिल्ली की सीमा पर किसानों का प्रदर्शन गर्मजोशी के साथ जारी है। रविवार को अलग- अलग प्रदर्शनों में तीन किसानों की मौत गई है। वहीं हाड़ कंपाने वाली ठंड व बारिश में धरने पर बैठे किसानों ने सरकार के प्रति आक्रोश जाहिर किया है।

कुंडली बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में शामिल होने आए दो किसानों की मौत हो गई है। वहीं एक अन्य की हालत गंभीर है। मृतकों की पहचान सोनीपत के गांव गंगाना निवासी कुलबीर सिंह व पंजाब के जिला संगरूर के गांव लिदवा निवासी शमशेर सिंह के रूप हुई है। वहीं गंगाना के ही युद्धिष्ठर को हृदयघात के चलते पीजीआई रोहतक रेफर किया गया है।

पुलिस ने बताया कि सुबह को गोहाना के गांव गंगाना के रहने वाले किसान कुलबीर सिंह की मौत की सूचना आई। उनके साथी किसानों ने बताया कि वह शनिवार रात तक स्वस्थ्य थे, केवल थोड़ी थकान महसूस कर रहे थे। रात में खाना खाने के बाद पॉरकर माल के पास टैंट में सो गए थे। सुबह नहीं उठने पर उनके साथी किसानों ने जगाने का प्रयास किया तो बेसुध मिले। इसकी सूचना किसान आंदोलन में तैनात चिकित्सक को दी गई। चिकित्सक ने किसान को मृत घोषित कर दिया। उसके कुछ देर बाद पंजाब के जिला संगरूर के गांव लिदवा निवासी किसान शमशेर सिंह पुत्र निर्भय सिंह की हालत खराब हो गई। उनको तत्काल सामान्य अस्पताल भेजा गया, जहां पर उनको मृत घोषित कर दिया गया। उसके आधे घंटे बाद ही गोहाना के गांव गंगाना के ही किसान युधिष्ठर सिंह को हार्ट अटैक आ गया। उनको तत्काल सामान्य अस्पताल ले जाया गया। जहां से हालत गंभीर होने के चलते उनको पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया गया। पुलिस को आशंका है कि इन किसानों की मौत सर्दी लगने से हृदयाघात के कारण हो सकती है। मौत के सही कारणों की जानकारी पोस्टमार्टम के बाद हो हो सकेगी। अभी तक आंदोलन में नौ किसानों की जान जा चुकी है।

टीकरी बॉर्डर : रविवार को सुबह जींद ज़िला के किसान जगबीर पुत्र हवासिंह गांव ईटल कला की ह्रदय गति रुकने से किसान आंदोलन टिकरी बोर्डर पर मौत हो गई। उनकी उम्र 40 साल थी। पिछले एक महीने अधिक समय से केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान ना तो शीत लहर के कहर से प्रभावित दिख रहे और ना ही बारिश उनके हौसले को कम कर रही।

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