राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त DSP और कांस्टेबल सोनीपत में रिश्वत लेते गिरफ्तार, करनाल में पकड़ा लाइनमैन

राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त DSP और कांस्टेबल सोनीपत में रिश्वत लेते गिरफ्तार, करनाल में पकड़ा लाइनमैन
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डीएसपी और कांस्टेबल शिकायतकर्ता से उसके खिलाफ थाना चित्रकूट, जयपुर में दर्ज एफआईआर से उसका नाम हटाने के एवज में पैसे की मांग कर रहे थे।

हरिभूमि न्यूज. सोनीपत

हरियाणा विजिलेंस ब्यूरो ने दो मामले दर्ज कर राजस्थान पुलिस के सेवानिवृत्त डीएसपी व एक कांस्टेबल और उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एक लाइनमैन सहित तीन लोगों को 1,01,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है।

पहले मामले में विजिलेंस की टीम ने राजस्थान के जयपुर स्थित चित्रकूट थाना प्रभारी के रीडर व एक सेवानिवृत्त डीएसपी को सोनीपत में 80 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों को मुरथल स्थित सुखदेव ढाबा के पास से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने जबरन पैसे मांगने के मामले में नाम आने पर ओमेक्स सिटी सोनीपत में रहने वाले शेयर कारोबार से जुड़े मनीष से पैसों की मांग की थी। वह उनके कारिंदे को गिरफ्तार कर चुके हैं और कारोबारी को उस मामले में गिरफ्तार करने की धमकी दे रहे थे। मामले से निकालने की एवज में पैसे मांगे गए थे। वह 40 हजार रुपये पेटीएम कर चुके हैं और अब 80 हजार देने के नाम पर बुलाकर आरोपियों को रंगे हाथ पकड़वा दिया।

सोनीपत विजिलेंस प्रभारी अनिल हुड्डा की टीम को मूलरूप से दिल्ली के घोघा फिलहाल ओमेक्स सिटी सोनीपत निवासी मनीष कुमार ने शिकायत दी थी कि वह राजस्थान के जयपुर में शेयर बाजार का काम करते है। वह शेयर बाजार में पैसे लगाने के साथ ही अन्य को भी पैसे लगाने की जानकारी देते हैं। उनके एक कारिंदे रवींद्र को कुछ दिन पहले जयपुर की चित्रकूट थाना पुलिस ने जबरन पैसे मांगने के मामले में गिरफ्तार किया था। बाद में मनीष को फोन कर बताया गया कि उनका नाम भी इस मामले में जुड़ गया है। उन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया जाएगा। गिरफ्तारी से बचने व मामले से नाम हटाने के नाम पर उनसे 20 लाख रुपये की मांग की गई। बाद में उनका छह लाख रुपये में सौदा हुआ था। मनीष ने विजिलेंस को बताया कि सेवानिवृत्त डीएसपी शैलेंद्र कुमार ने मामला निपटवाने की बात कही। वह मामले में बिचौलिया बनकर बात कर रहे थे।

उन्होंने जांच अधिकारी से वीडियो कॉल पर बात भी कराई। उसने घबराकर आरोपियों के पास पेटीएम के माध्यम से 28 जुलाई को 20 हजार रुपये भेज दिए। बाद में 20 हजार रुपये 12 अगस्त को भेजे। उसने मामले से विजिलेंस को अवगत कराया। विजिलेंस के कहने पर उसने आरोपियों को मुरथल सुखदेव ढाबे के पास बुला लिया। विजिलेंस ने मामले से अधिकारियों को अवगत कराया। जिस पर अनिल हुड्डा के नेतृत्व में टीम बनाई गई। इसके लिए नायब तहसीलदार दिनेश कुमार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट बनाया गया। जब आरोपी पैसे लेने सुखदेव ढाबे के पास आए तो उन्हें 80 हजार रुपये लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। टीम ने उनके पास से पैसे बरामद कर लिए। उनकी पहचान सिपाही दशरथ व शैलेंद्र सिंह के रूप में हुई। दशरथ सिंह चित्रकूट थाना प्रभारी का रीडर है। वहीं शैलेंद्र सिंह राजस्थान पुलिस से सेवानिवृत्त डीएसपी है। उन्हें अदालत में पेश कर तीन दिन के रिमांड पर लिया गया है।

21,000 रुपये लेता लाइनमैन गिरफ्तार

एक अन्य मामले में विजिलेंस की टीम ने करनाल में एक लाइनमैन को एक व्यक्ति से एक लंबित बिल को एडजस्ट करने और नया मीटर आवंटित करने के लिए 21,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। मखू माजरा निवासी एक व्यक्ति ने शिकायत देते हुए कहा था कि उसने एक संपत्ति खरीदी है जिसके संबंध में 70,000 रुपये का पुराना बिल लंबित है। नेवल सब डिविजन में तैनात लाइनमैन परवीन ने उस बिल को एडजेस्ट करने और नया कनेक्शन जारी करने के लिए 21,000 रुपये की डिमांड की। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और मामलों की आगे की जांच जारी है।

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