मां-बाप से बिछुड़ा तीन साल का बच्चा, तीन घंटे तक पूरियों की महक ढूंढती रही पुलिस

हरिभूमि न्यूज : महम
पुलिस को लावारिस हालत में दोपहर 12 बजे एक तीन साल के बच्चे के रोते हुए घूमने की सूचना मिली। थाना प्रभारी कुलबीर सिंह ने एसआई धर्मबीर बागड़ी व एसआई रमेश हुड्डा को बच्चे से सबंधित जिम्मेदारी सौंपी। तीन घंटे की मशक्त के बाद बच्चे को उसके मां बाप से मिलवाया गया। बच्चे को सकुशल पाकर मां बाप ने राहत की सांस ली। हुआ यूं कि पुलिस ने बच्चे को पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस के पास रोते हुए पाया। पुलिस बच्चे को थाने ले गई। बच्चा कुछ देर तो रोता रहा। उसके बाद उसे खाने की चीजें दी गई। जिससे उसने रोना बंद कर दिया।
पुलिस पूछताछ में बच्चे ने बस इतना बताया कि वह पूरी खाकर आया है। इसके बाद पुलिस ने अनुमान लगाया कि बच्चा जरूर किसी विवाह शादी के कार्यक्रम में आया हुआ है। उसके बाद तीन घंटे तक पुलिस पूरियों की महक ढूंढती रही। वे बच्चे को लेकर शहर व आस पास में हो रहे कार्यक्रमों में घूमे। शहर व पास के गांव किशनगढ़ व इमलीगढ़ तक भी शादियों के कार्यक्रम में बच्चे को दिखाया गया। किसी ने भी बच्चे को नहीं पहचाना। उसके बाद वापिस थाने में आ गए। बच्चे ने खेलते खेलते अपने गांव का नाम उगालन बताया। उसके बाद पुलिस ने उगालन के सरपंच साहिल से संपर्क साधा। साहिल ने गांव के वाट्सएप ग्रुप पर बच्चे की फोटो वायरल की। वहां से पता चला कि यह बच्चा उगालन के संदीप का है। संदीप जींद में भैंसों की डेयरी चलाता है। वह महम के मामराजपुरा में अपनी बुआ के घर नए मकान के मुहूर्त में शामिल होने के लिए अपनी पत्नी व बेटे के साथ आया था।
पिता बच्चे को छोड़कर भैंस खरीदने चला गया, मां अपने मामा के घर
बच्चे के पिता ने बताया कि महम के मामराज पुरा में उसकी बुआ रहती है। उन्होंने नया मकान बनाया था तथा उसके मुहुर्त में वे शामिल होने के लिए वहां आए थे। उसकी पत्नी पिंकी के मामा का घर बहलबा में है। वह मुहुर्त के बाद बच्चे को अपने पति संदीप के पास छोड़कर अपने मामा के घर चली गई। संदीप भैंसों का काम करता है। उसने भैंस खरीदनी थी। उसको किसी ने भैंस दिलाने की बात कही वह जल्दबाजी में दूसरे युवक के साथ कहीं पर भैंस देखने के लिए चला गया। लेकिन बच्चा बाहर गली में ही रह गया।
बच्चा अपने मां बाप को न पाकर विचलित हो गया तथा सड़क पर आ गया। वहां से रोता हुआ लगभग डेढ किलोमीटर दूर निकल गया। लेकिन इस बात का मां व पिता में से किसी को भी पता नहीं चला। जब उगालन में बच्चे की फोटो वायरल हुई तो वहां से किसी ने फोन पर इसकी सूचना उन्हें दी। फिर संदीप की बुआ का लड़का मोनू अहलावत उसे थाने से अपने घर लेकर आया तथा बच्चे के स्वजनों ने राहत की सांस लेते हुए गलती का अहसास हुआ तथा पुलिस का धन्यवाद किया।
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