अपात्र होकर पेंशन व अन्य योजनाओं का लाभ लेने वालों पर कसा शिकंजा, ऐसे हुई पहचान

परिवार पहचान पत्र के जरिये पता लग रहा है अपात्रों का
हरिभूमि न्यूज. खरखौदा
प्रदेश मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट पीपीपी यानि की परिवार पहचान पत्र, प्रोजेक्ट ने प्रदेश के हजारों शातिरों के सपने चकनाचूर कर उनकी नींद भी उड़ा दी है। ऐसे हजारों शातिरों के लिए मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट गले की फांस बना हुआ है। जिले में फिलहाल 11 हजार पेंशन धारक व अवैध रूप से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लेने वाले ट्रेस हुए हैं। अभी हजारों ट्रेस होने बाकी है। वर्षों से बीपीएल योजनाओं का लाभ लेने वालों की भी इस ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत छटनी होगी व सही पात्र की पहचान होगी। अपात्र होकर वर्षों से पेंशन व अन्य योजनाओं का लाभ लेने वालों पर रिकवरी होगी या एफआईआर इसका अभी फैसला लेना बाकी है।
पीपीपी हरियाणा मुंख्यमत्री का विशेष प्रोजेक्ट है। जिसके जरिए मुख्यमंत्री वास्तिविक पात्र की पहचान कर उसे गरीबी रेखा से ऊपर उठाना चाहते हैं, और अवैध रूप से अपात्र होते हुए भी प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ लेने वालों पर कार्रवाई हो सके। मुख्यमंत्री की इस पहल से प्रदेश सरकार को फायदा भी हुआ है। इस परिवार पहचान पत्र के जरिए एक तरफ जहां अवैध रूप से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि लेने वालों का पता चला है, वहीं करीब 11 हजार ऐसे अपात्र पेंशनधारक मिले हैं, जो पेंशन की योग्यता ही पूरी नहीं करते और पिछले काफी समय से पेंशन प्राप्त कर रहे हैँ। 11 हजार बुजुर्गों की पेंशन काट दी है।
पहला राउंड : लोगों ने खुद बताई अपनी इनकम 2 लाख या ज्यादा
समाज कल्याण विभाग के मुताबिक जैसे ही परिवार पहचान पत्र से फैमिली आईडी पीपीपी को अटैच किया गया सरकार को पता चल गया कि 2 लाख रुपए से ज्यादा की आय होते हुए भी करीब 11 हजार से ज्यादा परिवार पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, जो इस योजना के पात्र नहीं है। चंडीगढ़ मुख्यालय से ही ऐसे अपात्रों की पेंशन बंद कर दी गई है। ये तो वो अपात्र हैं, जिन्होंने खुद माना है कि उनकी आय 2 लाख या इससे ज्यादा है।
ड्रीम प्रोजेक्ट पर चंडीगढ़ से ही हो रहा कंट्रोल
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट सीधे चंडीगढ़ मुख्यालय से कंट्रोल हो रहा है, पीपीपी में आय संबंधी तब्दीली सीधे चंडीगढ़ से ही हो रही है, जबकि अन्य मामलों में ये अधिकार पहले जिला मुख्यालय पर ही होते थे। माना जा रहा है कि जिला स्तर पर धांधली अधिक होती है व भाई-भतीजावाद के चलते या भावनात्मक तौर पर अपात्र को पात्र बना दिया जाता है। इसलिए फिलहाल परिवार पहचान पत्र के मामले में व अपात्रों का तलाशने का काम सीधे चंडीगढ़ मुख्यालय की गाइडलाइन के हिसाब से ही हो रहा है।
अभी ये जांच भी बाकी है
प्रदेश सरकार परिवार पहचान पत्र में जो इनकम दशाई गई है, उनकी जांच करवा रही है, जो आधारकार्ड उस आईडी में अपलोड किए गए हैं, उनकी बैंक डिटेल की भी जांच होनी है। कितने परिवार सरकारी नौकरी हैं, और उनके बीपीएल राशन कार्ड बने हुए हैं, या फिर उनकी आय 2 लाख से ज्यादा होते हुए भी उन्होंने अपनी आय कम दिखाई हुई है। या कर्मचारी रिटायरमेंट ले चुका है और आय कम दिखाकर बुढ़ापा पेंशन ले रहा है या फिर बीपीएल कार्ड बनवाया हुआ है। इन सभी की जांच की जा रही है। एक राउंड आधार कार्ड को बैंक से ट्रेस कराके उनकी इनकम जांच पात्र-अपात्र की पहचान की जाएगी।
डाली जा सकती है रिकवरी
अपात्र होते हुए भी झूठी जानकारी व शपथ पत्र देकर अपनी पेंशन या अन्य सरकार की किसी भी योजना का लाभ लेने वालों पर प्रदेश सरकार रिकवरी भी डाल सकती है, एफआईआर भी करा सकती है। इस बारे में सरकार को अभी फैसला लेना है।
ये लोग ही ले सकते हैं सरकारी योजनाओं का लाभ
प्रदेश सरकार की गरीबों के कल्याण के लिए जो योजनाए चलाई हुई हैं, उनके लिए केवल 2 लाख रुपए से कम इनकम वाले ही पात्र हैं, लेकिन प्रदेश में झूठे प्रमाण पत्र बनवाकर अधिक आय होते हुए भी पेंशन प्राप्त कर रहे हैं, जिन्हे अब सरकार पकड़ रही है।
लाभ लेने के लिए परिवार को कई यूनिटों में बांट दिया
पीपीपी के माध्यम से विभागों को ये भी पता चला है कि बहुत से लोगों ने परिवार में बुजुर्गों की पेंशन बनवाने व सरकारी सेवाओं का लाभ लेने के लिए परिवार को कई यूनिटों में बांट दिया है ताकि वे पकड़ में न आए। लेकिन सरकार ऐसे लोगों की भी तलाश कर रही है।
प्रदेश में करीब 28 लाख पेंशन धारक
मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजैक्ट पीपीपी के तहत पहले चरण में करीब 11 हजार लोग अपात्र मिले हैं, जिनकी पेंशन काटी गई है। प्रदेश में करीब 28 लाख पेंशन धारक है। कई चरणों में जांच की जा रही है, हजारों अपात्र पेंशन ले रहे हैं। जिनकी पहचान कर उनकी पेंशन काटी जा रही है। कई लोंगों ने पेंशन का लाभ लेने के लिए परिवार को कई यूनिटों में बांट दिया है, उनकी भी जांच की जा रही है। -सुरेंद्र खासा सहायक जिला पेंशन अधकारी, सोनीपत।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS