Farmers protest : Tikri Border पर एक और किसान की मौत, अब तक नौ की हो चुकी मृत्यु

Farmers protest  : Tikri Border पर एक और किसान की मौत, अब तक नौ की हो चुकी मृत्यु
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भटिंडा के नथाना ब्लॉक निवासी जय सिंह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था। वीरवार सुबह जब वह नहीं उठा तो साथी किसानों ने चिकित्सक को बुलाया। मृत घोषित होने पर जय सिंह के शव को शहर के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया गया।

हरिभूमि न्यूज : बहादुरगढ़

किसानों के हित में संघर्षरत एक और किसान ने वीरवार को बलिदान दे दिया। भटिंडा के नथाना ब्लॉक निवासी जय सिंह टीकरी बॉर्डर पर आंदोलन में शामिल था। वीरवार सुबह जब वह नहीं उठा तो साथी किसानों ने चिकित्सक को बुलाया। मृत घोषित होने पर जय सिंह के शव को शहर के नागरिक अस्पताल में भिजवा दिया गया।

बता दें कि कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान 27 नवंबर को टीकरी बार्डर पर आ डटे थे। इसके अगले ही दिन 28 नवंबर को यहां बाईपास पर कार में जलने से सहायक मैकेनिक जनकराज की मौत हो गई थी। जबकि 29 नवंबर की रात को तबीयत बिगड़ने से गज्जन सिंह की जान चली गई। फिर बीमार होने से गुरजंट, मेवा सिंह और लखबीर की जान चली गई। पांच दिसंबर को भी एक किसान की मौत हुई थी लेकिन उसकी पहचान नहीं हो सकी। वीरवार 10 दिसंबर की रात को सीने में दर्द उठने के बाद आढ़ती के मुनीम कृष्ण लाल की मौत हो गई। वीरवार सुबह करीब 37 वर्षीय जय सिंह पुत्र कुलदीप निवासी भटिंडा पंजाब की हृदयघात से मौत हो गई। उसके 14, 12 और 10 साल के तीन बच्चे हैं। इसके अलावा जींद निवासी 38 वर्षीय देवेंद्र सिंह को भी वीरवार का धरना समाप्त होने से पहले श्रद्धांजलि दी गई।

दरअसल, देवेंद्र 7 दिन तक टीकरी बॉर्डर पर किसानों के साथ रहा और फिर तबीयत ज्यादा बिगड़ने के कारण 11 दिसंबर को घर चला गया। लेकिन पीजीआईएमएस रोहतक में उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। वीरवार को कनाडा से टीकरी बॉर्डर स्थित धरनास्थल पर पहुंचे बलविंद्र सिंह ने किसानों को समर्थन देते हुए बताया कि वे अब तक किसान आंदोलन के दौरान असमय मृत्यु का शिकार हुए 11 किसानों के परिवार को 50 हजार की आर्थिक सहायता दे चुके हैं। सरकार किसानों को कमजोर समझने की भूल ना करे और उनकी मांगें मानते हुए काले कानूनों को रद करे।

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