Tikri Border से बोले- बॉक्सर विजेंदर सिंह, सच्चाई और एकता के बूते जल्द किसानों की जीत होगी

बहादुरगढ़ : कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को खिलाडि़यों, खापों और व्यापारियों समेत तमाम वर्गों से समर्थन मिल रहा है। इसी कड़ी में भारत के लिए ओलंपिक में पदक जीतने वाले अंतरराष्ट्रीय बॉक्सर विजेंदर सिंह शुक्रवार को टीकरी बार्डर स्थित धरना स्थल पर पहुंचे। यहां इन्होंने कहा कि कृषि कानून गलत हैं और इस लड़ाई में वह किसानों के साथ हैं। अगर किसान कौम सड़कों पर है तो कोई भी अवार्ड उनके किसी काम का नहीं।
बॉक्सर विजेंदर सिंह ने शुक्रवार की सुबह टीकरी बार्डर पर जमींदारा स्टूडेंट आर्गेनाइजेशन द्वारा लगाए गए लंगर में सेवा की। लोगों को अपने हाथों से प्रसाद वितरित किया। इसके बाद बार्डर पर लगे मंच पर जाकर माइक थामा। किसान एकता जिंदाबाद का नारा लगाकर इन्होंने किसानों में जोश भरा। विजेंद्र सिंह ने कहा कि अब तक हुए कई आंदोलनों की पंजाब ने अगुवाई की है। इस किसान आंदोलन में भी पंजाब ने पहले कदम उठाया और अब पूरे देश का किसान इसमें शामिल हो गया है। धरतीपुत्रों की एकता का ही नतीजा है कि आंदोलन की गूंज आज पूरे विश्व में सुनाई दे रही है। सच्चाई और एकता के बूते जल्द ही किसानों की जीत होगी। संत बाबा राम सिंह की कुर्बानी के बारे में पता लगा तो उन्हें बहुत दुख हुआ, लेकिन गुस्सा भी आया। जान देनी नहीं है, बल्कि तीन काले कानूनों की जान लेनी है।
बॉक्सर और कांग्रेस नेता विजेंद्र सिंह कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का समर्थन करने टिकरी बॉर्डर पहुंचे। विजेंद्र सिंह ने कहा, "लड़ाई सरकार के साथ नहीं है, लड़ाई तीन काले कानूनों के साथ है।" #FarmersProtest pic.twitter.com/iqPpLz4kw7
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 18, 2020
बकौल विजेंदर सिंह, वह खिलाड़ी होने के नाते यहां आए हैं। असल में किसानों के बेटे ही खिलाड़ी बनते हैं या सेना में जाते हैं। ये कृषि कानून गलत हैं और इन्हें गलत कहने के लिए ही वह किसानों के बीच में आए हैं। कड़कती ठंड में मेरी किसान कौम सड़कों पर है। अपनी जायज मांग के लिए भी इन्हें संघर्ष करना पड़ रहा है। जब उनकी कौम सड़कों पर है तो ये अवार्ड उनके किसी काम के नहीं हैं। यदि सरकार जल्द ही कानूनों को वापस नहीं लेती है तो वे खेल रत्न अवार्ड वापस कर देंगे। हां, खिलाड़ियों, पूर्व सैनिकों की अवार्ड वापसी पर अवार्ड वापसी पर कुछ लोग हो हल्ला कर रहे हैं। मैं उनको ये बता दूं कि बेशक अवार्ड वापसी से कुछ न होता हो लेकिन बात गलत के खिलाफ आवाज उठाने की है। हम गलत के साथ बिलकुल नहीं है और न ही गलत होते देख चुप रहेंगे। एकजुट रहें, एक-दूसरे का ख्याल रखें, जीत निश्चित है।
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