त्योहारों के अवसर पर पटाखे जलाने का समय निर्धारित, उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

हरिभूमि न्यूज. फतेहाबाद।
सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) द्वारा पर्यावरण के संरक्षण के दृष्टिगत पटाखे जलाने के बारे में दिशा-निर्देश जारी किये गये है। दिवाली या गुरुपर्व जैसे त्योहार के अवसर पर केवल रात्रि 8 बजे से रात्रि 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति होगी। इसी प्रकार क्रिसमिस एवं नववर्ष की पूर्व संध्या, जब पटाखे जलाना लगभग आधी रात शुरू होता है तो ऐसी स्थिति में केवल रात्रि 11.55 बजे से सुबह 12.30 बजे तक पटाखे चलाने की अनुमति होगी।
एनजीटी द्वारा कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान कम गुणवत्ता की हवा वाले शहरों में सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री व प्रयोग पर प्रतिबंध रहेगा। जिलाधीश महावीर कौशिक ने बताया कि पटाखे जलाने से जहरीली गैसे निकलती है, जिनका पर्यावरण व जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। श्रृंखला पटाखों अथवा लड़ीज के निर्माण, बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ग्रीन अर्थात् हरे पटाखों के प्रयोग के संदर्भ में सर्वोच्च न्यायालय तथा एनजीटी द्वारा जारी हिदायतों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जायेगा। सभी साइलेंस जोन अर्थात् अस्पताल, नर्सिंग होम प्राथमिक व जिला स्वास्थ्य केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों, न्यायालय, धार्मिक स्थानों की कम से कम एक सौ मीटर तक पटाखे जलाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
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