घाटे में टोल बूथ : नियम से हटकर टोल टैक्स किया फ्री, फिर भी आए दिन हंगामा

सतीश सैनी : नारनौल
महेंद्रगढ़ जिला में नारनौल-जयपुर नेशनल हाईवे नंबर 148-बी पर एनएचआई का पहला टोल टैक्स नांगल चौधरी क्षेत्र में सिरोही बहाली के पास स्थापित किया गया है। दो माह पहले एटलस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम तीन माह के लिए यह अलाट किया गया। इस एवज में एजेंसी ने चार करोड़ बतौर सिक्योरिटी राशि जमा की।
एनएचआई ने एजेंसी को दो फरवरी को लेटर देकर अगले दिन तीन फरवरी को टोल टैक्स आरंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही प्रत्येक दिन 6.21 लाख रुपये जमा करवाने को कहा गया। तीन फरवरी को सुबह आठ बजे टोल आरंभ हुआ। टोल आरंभ होने की सूचना मिलने पर आस-पास के लोग एकत्रित हुए और डेढ़ घंटे बाद ही सुबह साढ़े नौ बजे टोल बंद करवा दिया गया। करीब पांच दिन बंद रहने के बाद एनएचआई ने आठ फरवरी को एजेंसी को फिर से पत्र जारी किया और टोल आरंभ करने और 6.21 लाख की बजाय हर रोज 9.26 लाख जमा करवाने की बात कही। हवाला दिया गया कि पचेरी रोड को भी इस हाईवे से जोड़ दिया गया है।
रोजाना चार से पांच लाख का नुकसान
एटलस कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के मैनेजर मनोज यादव ने हरिभूमि को बताया कि एनएचआई ने पहले रोजाना 6.21 लाख जमा करवाने को कहा। पांच-छह दिन बाद ही आठ फरवरी से दूसरा पत्र भेजकर रोजाना 9.26 लाख की राशि जमा करवाने के निर्देश जारी कर दिए गए। इसमें पचेरी रोड को इस नेशनल हाईवे से जोड़ने की बात कही। पचेरी रोड इस हाईवे से कैसे जुड़ रहा है, जग जाहिर है। अब एनएचआई को हर दिन 9.26 लाख की राशि जमा करवानी है। आमदनी के नाम पर हर रोज चार से पांच लाख के बीच में कमाई हो रही है। मतलब हर रोज चार से पांच लाख का नुकसान उठाना पड़ रहा है। अब तक वह चार करोड़ रुपये नुकसान में है। यहीं नहीं, अब दूसरी एजेंसी को यह टोल टैक्स महज 4.61 लाख में ही 16 मार्च को अलार्ट कर दिया गया है। एनएचआई इस दूसरी एजेंसी को टोल टैक्स नहीं सौंप रही।
एनएचआई का फ्री पास नियम नहीं, हमने किया फिर भी विरोध
मैनेजर मनोज यादव ने बताया कि एनएचआई के नियम में आस-पास के लोगों के लिए टोल फ्री नहीं है। फिर भी विरोध को शांत करने के लिए हमारी एजेंसी ने पांच किलोमीटर के एरिया के चालकों के लिए फ्री करने का ऐलान किया। उन्हें कहा गया कि आधार कार्ड व आरसी की प्रति जमा करवाए। वाहन पर फास्ट टैग जरूर चाहिए। अभी तक हमने एक हजार के करीब फ्री पास बनाए है। जैसे ही वाहन टोल पर खिड़की के पास आएगा, ऑटोमेटिक फास्ट टैग में उसकी एंट्री हो जाएगी लेकिन पैसा नहीं कटेगा। फिर भी पांच किलोमीटर एरिया के लोग पास नहीं बनवा रहे। पास नहीं होगा तो पैसा लिया जाएगा। यह सुविधा देने के बाद भी लोग हंगामा कर रहे है। हम बहुत घाटे में है। ऐसा देश में कहीं नहीं होता जैसा यहां हो रहा है।
मैनेजर ने भी दर्ज करवाई एफआईआर
मामला 15 मार्च का है। नांगल चौधरी के नजदीक गांव मोहनपुर से महेंद्रगढ़ के जाटवास बारात गई थी। इस टोल पर टोल मांगा गया। बारातियों ने मोहनपुर तीन किलोमीटर दूर होना बताया। मोहनपुर के इस पक्ष ने पुलिस में शिकायत दी और झगड़े का आरोप लगाते हुए आठ अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज करवाया। अब दूसरे पक्ष टोल मैनेजर मनोज यादव ने भी शिकायत दी है। मैनेजर की शिकायत पर पुलिस ने इस शिकायत पर 40 से 50 नाम ना मालमू लोगों पर धारा 147,149,323,504 का केस दर्ज किया है।
क्या कहते है एनएचआई अधिकारी
एनएचआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर पीके कौशिक ने बताया कि डब्ल्यूआईपी रेट 6.21 लाख थे। बाद में करंट रेट 9.26 लाख हुए। यह नियमानुसार है। अभी तीन माह का इस एजेंसी का कार्यकाल पूरा होने है। फिलहाल हमने आगे के समय के लिए टेंडर मांगे है। फर्म ने टेंडर फार्म भरे है अभी अलार्ट नहीं किया गया है। इस कारण यह अभी नहीं पता चल सकता कि दूसरी एजेंसी को यह टेंडर कितने में छोड़ा गया है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में तस्वीर क्लीयर हो जाएगी।
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