HBSE में टॉपर किसान की बेटी सोनू का सपना डॉक्टर बनना, गत वर्ष की टाॅपर बनी प्रेरणा स्त्रोत

HBSE में टॉपर किसान की बेटी सोनू का सपना डॉक्टर बनना, गत वर्ष की टाॅपर बनी प्रेरणा स्त्रोत
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10वीं के परीक्षा परिणाम में जिले की छात्रा सोनू ने 498 अंकों के साथ प्रदेश में टॉप किया है। टॉपर का सपना डॉक्टर बनना है। गांव संडवा के एक किसान परिवार की बेटी सोनू ने अपने सपने को उड़ान देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है और राजस्थान के सीकर में नीट की तैयारी कर रही है। सोनू की उपलब्धि से गांव में खुशी का माहौल है।

Bhiwani : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की तरफ से जारी किए गए 10वीं के परीक्षा परिणाम में जिले की छात्रा सोनू ने 498 अंकों के साथ प्रदेश में टॉप किया है। टॉपर का सपना डॉक्टर बनना है। गांव संडवा के एक किसान परिवार की बेटी सोनू ने अपने सपने को उड़ान देने के लिए तैयारी शुरू कर दी है और राजस्थान के सीकर में नीट की तैयारी कर रही है। सोनू की उपलब्धि से गांव में खुशी का माहौल है।

छात्रा सोनू एक किसान (Farmer) की बेटी होने के साथ-साथ संयुक्त परिवार से संबंध रखती है। सीकर में मौजूद छात्रा सोनू ने फोन पर कहा कि पिछली बार पड़ोसी गांव मंढाण निवासी मनीषा ने 12वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम में हरियाणा बोर्ड में प्रथम स्थान हासिल किया था। तब मेरे अभिभावकों ने कहा था कि क्या तू ऐसा नहीं कर सकती, तभी मैंने ठान लिया था कि मुझे हर हाल में दसवीं कक्षा में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में प्रथम स्थान हासिल करना है। इसके लिए मैंने सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान दिया और एक दिन में 20 घंटे तक पढ़ाई की। मुझे अपनी तैयारी पर पूरा विश्वास था कि यह मुकाम अवश्य हासिल होगा। आज यह मुकाम हासिल कर गर्व महसूस हो रहा है। छात्रा सोनू ने कहा कि उसका अब आगामी सपना डॉक्टर बनने का है जिसके लिए उसने तैयारी प्रारंभ कर दी है और वर्तमान में राजस्थान के सीकर में नीट की कोचिंग ले रही है। सोनू ने अपनी सफलता का श्रेय एनजेएम विद्यालय के अध्यापकों तथा अपने माता-पिता को दिया। उन्हीं के सहयोग से वह सफलता प्राप्त करने में कामयाब हुई है।

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती : पवन

प्रतिभाशाली छात्रा सोनू के पिता गांव संडवा निवासी पवन कुमार ने कहा कि वह स्वयं तो एक किसान है, लेकिन उनकी पुत्री सोनू ने अपनी मेहनत के बलबूते साबित कर दिया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती। उनकी पुत्री सोनू अपनी पढ़ाई का पूरा ध्यान रखती थी और 24 घंटे में से 20 घंटे तक पढ़ाई करती थी। उनके दो ही बच्चे हैं एक बेटा, जिसका नाम दक्ष है जो सोनू से छोटा है और कक्षा 3 का छात्र है। उनकी पुत्री सोनू खेल की तरफ काफी कम ध्यान रखती थी, कभी कभार सोनू के चाचा राजेश कुमार जो रेलवे पुलिस में कार्यरत हैं, जब वह घर आते थे उनके साथ सोनू थोड़ा बहुत बैडमिंटन जरूर खेलती थी। इसके अलावा सोनू का पढ़ाई पर ज्यादा ध्यान रहता था। जब वह व उसकी मां खेत में चले जाते थे तो घर में अपनी दादी के साथ पशुओं सहित घर का अन्य काम भी करवाती थी।

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